
कांग्रेस प्रवक्ता शक्तिसिंह गोहिल ने प्रेस कांफ्रेंस की, उन्होंने कहा कि गुजरात के वडोदरा जिले में मुजपुर गंभीरा नदी पर बने पुल गिरने की दर्दनाक घटना से की, जिसमें अब तक कम से कम 10 लोगों की मौत हो चुकी है। उन्होंने बताया कि एक ट्रक, कारें, एक ऑटो और तीन बाइकें पुल के साथ नदी में समा गईं। स्थानीय लोगों और पूर्व जिला परिषद सदस्यों ने इस पुल की हालत को लेकर पहले ही प्रशासन को चेतावनी दी थी, लेकिन बावजूद इसके कोई मरम्मत नहीं हुई। गोहिल ने आरोप लगाया कि भाजपा शासन में ठेकेदारों से पार्टी कार्यालय ‘कमलम’ में घूस मांगी जाती है, जिससे वे काम की गुणवत्ता से समझौता करते हैं और इस भ्रष्ट व्यवस्था का नतीजा पुलों के गिरने जैसे हादसे हैं।
मनरेगा में मंत्री की निजी ज़मीन पर फर्जीवाड़ा
गोहिल ने बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि गुजरात सरकार में मंत्री बच्चूभाई खाबड़ ने अपनी निजी जमीन पर मनरेगा के तहत कई फर्जी वर्क ऑर्डर जारी करवाए। उन्होंने प्रेस को दिखाए गए दस्तावेजों के ज़रिए बताया कि सर्वे नंबर 115 के अंतर्गत दर्जनों विकास कार्य जैसे जल निकासी नाले, डैम, बंड, प्लांटेशन, और लेवलिंग कार्य दर्ज किए गए, जिन पर लाखों रुपए खर्च दिखाए गए, जबकि मौके पर कोई भी निर्माण नहीं हुआ। इसके बाद उन्हीं गैर-मौजूद कार्यों के ‘मरम्मत’ के नाम पर और फंड स्वीकृत किए गए।
मंत्री के बेटे को बिना टेंडर दिए ठेके
कांग्रेस नेता ने दावा किया कि मनरेगा फंड से मटेरियल सप्लाई का ठेका सीधे मंत्री के बेटे बलवंत खाबड़ की कंपनी ‘श्री राज कंस्ट्रक्शन’ को दे दिया गया, जो पूरी तरह टेंडर प्रक्रिया के विरुद्ध है। मनरेगा नियमों के तहत मटेरियल सप्लाई के लिए खुले टेंडर, विज्ञापन और एल1 बिडर को चयनित करना जरूरी होता है, लेकिन इस मामले में कोई प्रतिस्पर्धा नहीं कराई गई और बेटे को सीधे लाभ पहुंचाया गया। सिर्फ धानपुर ब्लॉक में ही 2,235 वर्क ऑर्डर एक सीमित समय में जारी हुए और अधिकांश में श्री राज कंस्ट्रक्शन को सप्लायर बनाया गया।
लाखों का मटेरियल फर्जी, जीएसटी चोरी भी उजागर
गोहिल ने आगे बताया कि श्री राज कंस्ट्रक्शन ने करोड़ों रुपए के मटेरियल सप्लाई के बिल बनाए, लेकिन फील्ड पर कोई भी सामग्री नहीं पहुंचाई गई। यही नहीं, जीएसटी नंबर होने के बावजूद कंपनी ने कोई टैक्स जमा नहीं किया। उन्होंने यह भी कहा कि एक ईमानदार अधिकारी ने खुद यह लिखित में दिया है कि एल1 बिडर को दरकिनार कर गैर-योग्य कंपनी को ठेका दिया गया, लेकिन भाजपा की सत्ता में होने से जांच आगे नहीं बढ़ पाई।
बर्खास्तगी से लेकर सीबीआई जांच तक
कांग्रेस प्रवक्ता ने प्रेस के माध्यम से कई मांगें रखीं मंत्री बच्चूभाई खाबड़ को तत्काल पद से हटाया जाए, पूरे मामले की कोर्ट मॉनिटर्ड सीबीआई जांच हो और जीएसटी चोरी पर केंद्र सरकार कार्रवाई करे। साथ ही, उन्होंने मांग की कि गुजरात में मनरेगा और जल-से-नल जैसी योजनाओं की व्यापक जांच कराई जाए, क्योंकि ये योजनाएं अब भाजपा नेताओं के निजी हितों की पूर्ति का जरिया बन गई हैं।
अडानी को दिए गए प्रोजेक्ट पर सवाल
मीडिया द्वारा पूछे गए एक प्रश्न के उत्तर में गोहिल ने महाराष्ट्र के गोरेगांव में अडानी समूह को मिले 3,600 करोड़ के रिडेवलपमेंट प्रोजेक्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह देश की संसाधनों की खुली लूट है। उन्होंने बताया कि जिन एयरपोर्ट्स को पहले एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया संचालित करती थी, वहाँ पर सेवाओं के लिए मामूली शुल्क लिया जाता था, लेकिन अडानी समूह के हाथ में आते ही चार्ज कई गुना बढ़ा दिए गए। ड्रॉप और पिकअप जैसी सुविधाओं पर भी अतिरिक्त शुल्क वसूला जा रहा है।
चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर संदेह
बिहार बंद पर टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा कि जनता ने लोकतंत्र की रक्षा के लिए सड़कों पर उतर कर आवाज़ उठाई है। उन्होंने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग अब पूरी तरह भाजपा के नियंत्रण में है। पहले आयोग का चयन प्रधानमंत्री, विपक्ष के नेता और मुख्य न्यायाधीश की संयुक्त समिति द्वारा होता था, लेकिन अब न्यायपालिका को बाहर कर सिर्फ सत्ता पक्ष के हाथ में चयन प्रक्रिया दे दी गई है। इससे चुनाव की पारदर्शिता पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।
बलवंत की गिरफ्तारी और बेल पर कांग्रेस की चिंता
एक अन्य सवाल के जवाब में गोहिल ने कहा कि बलवंत खाबड़ को 72 करोड़ के घोटाले में गिरफ्तार किया गया था, लेकिन उसे जल्द ही जमानत मिल गई। उन्होंने इस पर सवाल उठाते हुए कहा कि जब कांग्रेस से जुड़े किसी व्यक्ति पर आरोप लगता है, तो ईडी, सीबीआई तुरंत हरकत में आ जाती है, लेकिन भाजपा नेताओं के मामलों में सरकार चुप्पी साध लेती है। उन्होंने चेताया कि अगर इस मामले की निष्पक्ष जांच नहीं हुई, तो यह लीपापोती बनकर रह जाएगा।