
भारत के गगनयान मिशन की तैयारियों के बीच भारतीय वायु सेना के ग्रुप कैप्टन और गगनयान यात्री शुभांशु शुक्ला ने छात्रों को प्रेरक संदेश दिए।बंगलूरू में आयोजित एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि देश अब सिर्फ अंतरिक्ष तक पहुंचने का सपना नहीं देख रहा, बल्कि अपना स्पेस स्टेशन बनानेऔर चांद पर भारतीय को उतारने की दिशा में बड़े कदम उठा रहा है। शुक्ला ने छात्रों से कहा कि यह समय भारत के लिए ऐतिहासिक है और आनेवाला समय उनके लिए अवसरों से भरा होगा। शुक्ला ने बातचीत में साफ कहा कि देश की नजर 2040 तक चांद पर भारतीय की लैंडिंग पर है औरइसके लिए जिस भी युवा को जाना होगा, उसे उनके साथ मुकाबला करना पड़ेगा। उन्होंने मजाकिया लेकिन गंभीर अंदाज में कहा कि वह अभी मौजूदहैं, इसलिए चांद पर कदम रखने की दौड़ में छात्रों को उन्हें पीछे छोड़ना होगा। उन्होंने बताया कि भारत की मानव अंतरिक्ष यात्रा नीति 2023 में तैयारहुई थी, जिसमें गगनयान और भविष्य के मानव मिशनों का स्पष्ट रोडमैप तय किया गया है।
भारत की वैश्विक पहचान को अगले स्तर पर
गगनयान भारत का पहला मानव अंतरिक्ष अभियान है, जिसकी तैयारी तेज चरण में है। शुक्ला ने कहा कि यह ऐतिहासिक क्षण है क्योंकि देश पहलीबार अपनी भूमि से, अपने लॉन्च व्हीकल पर, अपनी ही कैप्सूल में अंतरिक्ष यात्रियों को भेजने जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह भारत की तकनीकीक्षमता, आत्मनिर्भरता और बढ़ते अंतरिक्ष महत्वाकांक्षा का प्रमाण है। छात्रों को उन्होंने बताया कि यह मिशन सिर्फ तकनीकी उपलब्धि नहीं, बल्कि देशकी सोच को नए स्तर पर ले जाने वाला कदम है। शुक्ला ने कहा कि भारत अपना खुद का भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन बनाने की तैयारी में है। उन्होंनेबताया कि इस परियोजना पर चर्चा चल रही है और आने वाले वर्षों में इसका निर्माण शुरू होगा। यह स्टेशन भारत को अंतरिक्ष में दीर्घकालिकउपस्थिति देगा। उनके अनुसार, यह योजना भारत को उन चुनिंदा देशों की श्रेणी में ला देगी जो अंतरिक्ष में स्थायी वैज्ञानिक शोध करने की क्षमता रखतेहैं। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ विज्ञान का विस्तार नहीं, बल्कि भारत की वैश्विक पहचान को अगले स्तर पर ले जाने वाला कदम है।
भारत को नई ऊंचाइयों पर ले जाने वाले
छात्रों से बातचीत में शुक्ला ने उत्सुकता जताई कि चांद की सतह पर पहला भारतीय पुरुष होगा या महिला। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में देशके युवा ही इसका फैसला करेंगे। उन्होंने छात्रों को चुनौती देते हुए कहा कि चांद पर उतरने के लिए उन्हें कड़ी मेहनत, अनुशासन और दृढ़ निश्चय कीजरूरत होगी। शुक्ला ने कहा कि अंतरिक्ष क्षेत्र में युवाओं की बढ़ती दिलचस्पी देखकर उन्हें गर्व होता है और वह हर भविष्य परियोजना में शामिल रहनेको तैयार हैं। शुक्ला ने कहा कि भारत के ‘विकसित भारत 2047’ के सपने को पूरा करने में युवाओं की भूमिका सबसे अहम होगी। उन्होंने कहा किभारत का भविष्य उज्ज्वल है, लेकिन इसे वास्तविकता में बदलने के लिए देश के युवाओं को आगे बढ़कर जिम्मेदारी लेनी होगी। उन्होंने छात्रों से कहाकि देश को 2047 में विकसित राष्ट्र बनाने का समय उनका होगा और वही भारत को नई ऊंचाइयों पर ले जाने वाले असली कर्ता होंगे।