
देशभर में इन दिनों केरल में स्थित सबरीमाला मंदिर को लेकर चर्चा तेज है ऐसे में जारी बहस के बीच कांग्रेस नेतृत्व वाले यूडीएफ ने साफ किया है किउनकी किसी भी धार्मिक संगठन या समुदाय से कोई मतभेद नहीं है केरल में विपक्ष के नेता वीडी सतीशन ने गुरुवार को कहा कि ‘ग्लोबल अयप्पासंगम’ में हिस्सा न लेने का फैसला एक राजनीतिक निर्णय था, किसी समुदाय के खिलाफ नहीं बता दें कि सतीशन की यह टिप्पणी उस वक्त आईजब दो प्रमुख हिंदू संगठन नायर सर्विस सोसाइटी (एनएसएस) और नारायण धर्म परिपालना (एसएनडीपी) योगम ने सबरीमाला मुद्दे पर सत्तारूढ़एलडीएफ (एलडीएफ) का समर्थन किया. वीडी सतीसन ने कहा कि हमारे और एनएसएस या एसएनडीपी के विचार अलग हो सकते हैं, लेकिन इसकामतलब टकराव नहीं है हम अपने निर्णय पर कायम हैं, और यह सही था. मामले में सतीशन ने आगे केरल की एलडीएफ सरकार पर आरोप लगाया किउसने सबरीमाला की परंपराओं की रक्षा नहीं की, बल्कि महिलाओं की एंट्री को पुलिस सुरक्षा के साथ लागू करवाकर परंपराओं का उल्लंघन किया.
लोकसभा चुनाव से पहले उन्होंने अल्पसंख्यकों को खुश किया
उन्होंने कहा कि हम ही थे जिन्होंने इन परंपराओं की रक्षा की कोशिश की. उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि अगर राज्य सरकार सच में भक्तों के साथथी, तो महिलाओं के प्रवेश के खिलाफ विरोध करने वाले हजारों एनएसएस कार्यकर्ताओं पर दर्ज मामलों को अब तक क्यों नहीं हटाया गया, जैसासरकार ने वादा किया था. इसके सात ही कांग्रेस नेता ने मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन पर चुनावी मौके पर तुष्टीकरण का आरोप लगाया उन्होंने कहा किलोकसभा चुनाव से पहले उन्होंने अल्पसंख्यकों को खुश किया, अब राज्य में होने वाले चुनाव से पहले बहुसंख्यकों को खुश करने की कोशिश कर रहेहैं.
हिंदू वोटों की अनदेखी करने का आरोप भी लगाया
सतीशन ने इस बात की भी आलोचना की कि अयप्पा संगम के पोस्टरों में मुख्यमंत्री विजयन और देवस्वम मंत्री वीएन वसावन की तस्वीरें थीं, लेकिनभगवान अयप्पा की नहीं जो उनके अनुसार, इस आयोजन को राजनीतिक रूप से भुनाने की कोशिश थी. इसी बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता थिरुवंचूरराधाकृष्णन ने भी कहा कि यूडीएफ और एनएसएस के बीच कोई टकराव नहीं है और दोनों सबरीमाला की परंपराओं की रक्षा के लिए एक ही दिशा मेंकाम कर रहे हैं उन्होंने कहा कि सरकार का रुख ही बदला है, एनएसएस का नहीं गौरतलब है कि मामले में एनएसएस के महासचिव जी सुकुमारन नायरपहले ही कह चुके हैं कि वे अब सरकार पर भरोसा करते हैं, जिसने सबरीमाला की परंपराओं को बनाए रखने का वादा किया है उन्होंने कांग्रेस पर हिंदूवोटों की अनदेखी करने का आरोप भी लगाया.