
अखिलेश दुबे और लवी मिश्रा ने महिलाओं को बिहार, झारखंड और कानपुर के स्लम इलाकों से लाकर फर्जी रेप एफआईआर दर्ज करवाईं. इनमामलों के माध्यम से उन्होंने पीड़ितों से पैसे की मांग की और कई लोगों को फंसाया. एक प्रमुख मामला भाजपा नेता रवि सतीजा से जुड़ा है, जिसमेंदुबे ने उन्हें फर्जी रेप केस में फंसाकर ₹50 लाख की मांग की थी. हालांकि, जांच में कोई ठोस साक्ष्य नहीं मिले, फिर भी आरोपितों ने पैसे की मांगजारी रखी. दुबे ने कानपुर और आसपास के क्षेत्रों में बड़े बिल्डरों के साथ मिलकर जमीनों पर अवैध कब्जा किया. उन्होंने कई सरकारी और निजीसंपत्तियों पर फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से कब्जा किया और फिर उन पर वसूली की.
आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई
जांच में यह सामने आया है कि दुबे और उनके सहयोगियों के साथ पुलिस, नगर निगम, केडीए और अन्य सरकारी विभागों के अधिकारियों कीमिलीभगत थी. कुछ पुलिसकर्मी उन्हें अपने कार्यालय तक ले जाते थे और उनके खिलाफ की गई शिकायतों को दबाने में मदद करते थे. अखिलेश दुबेऔर लवी मिश्रा को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया है. उनके खिलाफ रंगदारी वसूलने, फर्जी मामले दर्ज करने और सरकारी संपत्ति परकब्जा करने के आरोप में 54 से अधिक मामले दर्ज किए गए हैं एसआईटी (विशेष जांच दल) ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है और अन्यआरोपितों की तलाश जारी है कानपुर पुलिस कमिश्नर ने नागरिकों से अपील की है कि यदि वे भी अखिलेश दुबे या उनके गिरोह के शिकार हुए हैं, तोवे पुलिस में शिकायत दर्ज कराएं. इससे मामले की जांच में मदद मिलेगी और आरोपितों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जा सकेगी.