
कसौली में खुशवंत सिंह लिटफेस्ट के दूसरे दिन पूर्व गृह मंत्री पी चिंदबरम व पत्रकार हरिंदर बावेजा की पुस्तक ‘इंकिंग ऑफ मेमॉयर’ पर चर्चा के दौरानऑपरेशन ब्लू स्टार पर खुलकर चर्चा हुई। हरिंदर बावेजा ने ऑपरेशन ब्लू स्टार के लिए तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की सबसे बड़ी गलती करारदिया। उन्होंने कहा कि इसके बिना भी आतंकवादियों को स्वर्ण मंदिर से बाहर निकाला जा सकता था। वहीं, पूर्व गृह मंत्री पी चिंदबरम ने इंदिरा गांधीका बचाव करते हुए कहा कि ऑपरेशन ब्लू स्टार का फैसला उनका अकेले का नहीं था। उस समय सेना, पुलिस व उस समय के पंजाब के नेताओं कानिर्णय था। इस पर बावेजा ने कहा कि प्रधानमंत्री तो इंदिरा गांधी थी। ऐसे में उनके आदेश पर ही ऑपरेशन ब्लू स्टार हुआ। बावेजा ने कहा कि इंदिरागांधी की हत्या उनके ही सुरक्षा कर्मियों ने की थी और उनकी सुरक्षा में एक एमपी का बेटा भी था। जिस पर चिदंबरम ने कहा कि बावेजा ने किताबकेवल एक ही नेता के सोर्स पर लिखी है, जबकि कई लोगों से बात करके यह लिखी जानी चाहिए थी।
कश्मीर के दौरे में उन्हें 2 ही मंदिर ऐसे मिले
इसके अलावा कश्मीर पर चर्चा करते हुए चिदंबरम ने कहा कि वर्तमान में जम्मू-कश्मीर की दिल्ली से दूरी बन गई है। केंद्र को कश्मीरियों को समझनाहोगा। अधिकांश कश्मीरियों को भारत से लगाव है। कश्मीर के लोग अब समझ गए हैं कि पाकिस्तानी सेना उन्हें केवल भारत के खिलाफ भड़काने काकाम कर रही है। वहीं बावेजा ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में पर्यटकों की बढ़ी संख्या हमेशा शांति का एक बड़ा उदाहरण है। ऑपरेशन सिंदूर से कश्मीर मेंसमस्या का हल नहीं होगा। कहा कि अनुच्छेद 370 हटने के बाद कश्मीर में अप्रैल माह में ही करीब 60 से 70 हजार पर्यटक पहुंचे थे। बावेजा नेबाबरी मस्जिद को गिराने के बाद कश्मीर में हिंदू मंदिरों का निशाना बनाने के उपजे विवाद पर कहा कि उस समय इस तरह की सूचनाएं आ रही थीं किवहां पर करीब 62 मंदिरों को निशाना बनाया गया है। लेकिन कश्मीर के दौरे में उन्हें 2 ही मंदिर ऐसे मिले, जिन्हें तोड़ा गया था।
महिला एनडीए अफसर की कहानी
लिटफेस्ट में पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी चिदंबरम के सत्र के दौरान उस समय माहौल गरमा गया, जब एक श्रोता ने चिदंबरम को कई बातें सुना दीं। इसकेबाद चिदंबरम ने स्टेज छोड़ दिया। चर्चा के दौरान पी चिदंबरम ने 1984 के दंगों पर इंदिरा गांधी का बचाव किया और कहा कि वहां पर दंगे हुए थे।इस पर दर्शकों के बीच बैठे कसौली स्टेशन हेडक्वार्टर के पहले प्रमुख के नातिन हरप्रीत सिंह भड़क गए और उन्होंने चिदंबरम से कहा कि वह पंजाब में1984 में सिखों पर हुए अत्याचार को दंगों का नाम नहीं दे सकते। केवल उस समय सिखों को टारगेट कर उनका कत्लेआम करवाया गया और यहकांग्रेस का काम था। जिस पर चिदंबरम वहां से उठकर चले गए। मामला यहीं शांत नहीं हुआ। जब चिदंबरम कसौली क्लब से बाहर निकल रहे थे तोहरप्रीत सिंह ने उन्हें फिर से घेर लिया और कहा कि आपने उस समय के कत्लेआम को दंगा कैसे कहा। जिस पर चिदंबरम ने कहा कि और इसे क्याबोल सकते हैं। अपनी किताब ‘द कैंटोनमेंट थ्रिलर’ पर पूर्व सेना जनरल एमएम नरवणे ने कहा कि पहले महिलाओं के सेना में जाने पर सोचा जाता थाकि वह कैसे कर पाएंगी। आज महिलाएं आर्मी में न केवल सेवाएं दे रही हैं, बल्कि जल्दी प्रमोशन भी ले रही हैं। 2022 तक आर्मी में महिलाओं काप्रवेश नहीं था। उस समय मेरे सामने एक मुद्दा उठा था कि आर्मी में महिला चीफ कब बनेगी तो मैंने जवाब दिया था कि शायद 40 साल लग जाएं।उसी समय मेरे मन में विचार आया कि इस पर मैं एक किताब लिखूंगा, जिसमें किसी महिला एनडीए अफसर की कहानी बनाऊंगा। वहीं इस पर मैंनेकहानी लिखी है।