
हेट स्पीच के आरोप में गुजरात की जेल में आठ माह बिताने वाले कर्नाटक के अल अमान फाउंडेशन के संस्थापक मुफ्ती सलमान अजहरी ने बरेली मेंउर्स-ए-रजवी के मंच से कहा कि 56 इंच का सीना होने से कोई ताकतवर नहीं होता. आला हजरत दुबले-पतले थे, लेकिन जब वह कलम उठाते थे तोगुस्ताख कांपते थे. अमन और इस्लाम की बात जरूरी है, लेकिन खराबी को सही करना भी जरूरी है एक साथ गलतियां बता दो तो लोग खिलाफ होजाते हैं. उन्होंने कहा कि इसमें तकलीफें और मुसीबतें आएंगी मैं जब जेल में था तो आला हजरत का एक शेर मेरा वजीफा था. उन्होंने शेर पढ़ते हुएकहा कि ‘उनके निसार कोई कैसे ही रंज में हो, जब याद आ गए हैं सब रंज भुला दिए हैं’. बीते साल उर्स के दौरान उनकी रिहाई को लेकर नौजवानों नेमांग उठाई थी. तब मंच पर मौजूद उलमा ने उनको खामोश करा दिया था. इस साल नौजवान सलमान अजहरी से मिलने के लिए बेताब दिखे.
मुसलमानों के लिए की दुआ
उर्स-ए-रजवी व उर्स-ए-अमीन-ए-शरीअत के आखिरी दिन ऑल इंडिया रजा एक्शन कमेटी (आरएसी) के मुख्यालय बैतुर्रजा पर कुल की रस्म अदा कीगई. सदारत कर रहे आरएसी के अध्यक्ष मौलाना अदनान रजा कादरी ने रसूल की शान में गुस्ताखी करने वालों के खिलाफ सख्त कानून बनाने की मांगउठाई. सुबह दस बजे मौलाना नसीम आसी ने कुरान की तिलावत की। मुफ्ती उमर रजा, मौलाना अबरार रजा, मौलाना शरीफ रजा, मौलाना सय्यदसफदर रजा ने जलसे को खिताब किया. अली रजा मियां समेत मुफ्ती आमिर जफर व अन्य लोगों ने नातो-मनकबत का नजराना पेश किया. इस मौकेपर आरएसी के तमाम कार्यकर्ता मौजूद रहे. कुल शरीफ के बाद सज्जादानशीन मुफ्ती अहसन मियां ने हिंदुस्तान में अमन ओ सुकून के साथ मिल्लतऔर फलस्तीन के मुसलमानों के लिए खुसूसी दुआ की.
लोगों को किया था मुरीद
इसके बाद दरगाह प्रमुख मौलाना सुब्हान रजा खां ने लोगों को मुरीद किया. मुफ्ती अहसन मियां और सैयद आसिफ मियां ने पुलिस, प्रशासन, मीडियासहित सभी लंगर कमेटियों और उर्स में शिरकत करने वाले रजाकारों का शुक्रिया अदा किया.तौसीफ रजा खां ने उर्स के मंच से कहा कि जिंदगी कोसंवारने के लिए शिक्षा, सामाजिक एकता, आपसी सहयोग, सौहार्द, खुला संवाद और नेतृत्व क्षमता जरूरी है पढ़ने-पढ़ाने और देश को मजबूत बनानेपर जोर दिया. पांच वक्त की नमाज की ताकीद की. मसले कोर्ट-कचहरी में ले जाने के बजाय शरीयत की रोशनी में हल करने की बात कही. बरेली मेंउर्स-ए-रजवी के आखिरी दिन कर्नाटक के अल अमान फाउंडेशन के संस्थापक मुफ्ती सलमान अजहरी ने भी तकरीर दी. उन्होंने कहा कि अमन औरइस्लाम की बात जरूरी है, लेकिन खराबी को सही करना भी जरूरी है.