
प्रसिद्ध द्रविड़ नेता सी.एन. अन्नादुरई के शब्दों का जिक्र करते हुए उप मुख्यमंत्री उदयनिधि स्टालिन ने कहा कि अगर भविष्य में विपक्ष दल शिक्षा औरछात्रों के कल्याण को लेकर चल रही द्रमुक सरकार की योजनाओं को बदलने की सोचेंगे भी तो वह ऐसा करने से डरेंगे, क्योंकि उन योजनाओं से लाभपाने वाले लोग इसका विरोध करेंगे और उन्हें इसका सामना करना पड़ेगा. अन्नादुरई 1967 से 1969 के बीच मुख्यमंत्री थे उदयनिधि ने गुरुवार कोएक कार्यक्रम में उनकी उपलब्धियों की सूची दी इनमें राज्य का नाम मद्रास से बदलकर तमिलनाडु रखना, तमिल और अंग्रेजी की दो-भाषा नीति कोअपनाना, स्वाभिमान विवाहों को भी कानूनी मान्यता देने का भी जिक्र किया था। स्वाभिमान विवाह में बिना पंडित या धार्मिक रीति-रिवाजों के विवाहहोता है.
करुणानिधि स्टालिन मुख्यमंत्री रहेंगे
उदयनिधि ने कहा, अन्ना ने कहा था कि अगर उनके जो उत्तराधिकारी सत्ता संभालेंगे, उन तीन योजनाओं को खत्म करने की सोचेंगे तो उनके दिल में डररहेगा वह इस बात से डरेंगे कि लोग उनके खिलाफ क्या करेंगे और जब तक विरोधियों के मन में यह डर रहेगा, तब तक अन्ना मुख्यमंत्री रहेंगे। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि वह इसे आज के समय के हिसाब से बदलना चाहते हैं. उन्होंने कहा, हमारे मुख्यमंत्री और हमारी द्रविड़ मॉडल सरकार ने स्कूल केबच्चों के लिए नाश्ता योजना, पुडुमई पेन, तमिल पुधलवान और नान मुडलवान जैसी योजनाएं दी हैं भविष्य में अगर कोई विरोधी इन योजनाओं कोबदलने की सोच भी रखेगा तो उसके दिल में डर होगा वह चिंतित होगा क्योंकि इसके लाभार्थी और समर्थक इसका विरोध करेंगे जब तक ऐसा डररहेगा, मुथुवेल करुणानिधि स्टालिन मुख्यमंत्री रहेंगे.
उन्होंने राज्य को नई पहचान दी
उन्होंने बताया कि तमिलनाडु भारत का पहला राज्य है, जिसने 1920 में स्कूल के बच्चों के लिए मध्याह्न भोजन योजना शुरू की थी यह ऐतिहासिकउपलब्धि न्याय पार्टी ने सौ साल पहले शुरू की थी तमिल पुधलवान और पुडुमई पेन योजनाओं के तहत कॉलेज जाने वाले लड़के और लड़कियों कोहर महीने एक हजार रुपये की मदद मिलती है नान मुडलवान रोजगार केंद्रित कौशल विकास योजना है, जिसमें छात्रवृत्तियां भी शामिल हैं। नाश्तायोजना सरकारी और राज्य समर्थित स्कूलों के बच्चों को भोजन प्रदान करती है. उप मुख्यमंत्री उदयनिधि स्टालिन ने कहा कि द्रमुक सरकार की शिक्षाऔर छात्र कल्याण योजनाएं इतनी लोकप्रिय हैं कि भविष्य में कोई भी विरोधी दल इन्हें बदलने की हिम्मत नहीं करेगा, क्योंकि जनता इसका विरोधकरेगी उन्होंने सी. एन. अन्नादुरई की उपलब्धियों का जिक्र करते हुए कहा कि जैसे उन्होंने राज्य को नई पहचान दी, वैसे ही मौजूदा योजनाएं भीबदलाव का प्रतीक हैं.