
उत्तर बंगाल में बीते दिनों भारी बारिश और भूस्खलन ने जबरदस्त तबाही मचा दी। इतना ही नहीं इस प्राकृतिक आपदा के चलते लगभग 32 लोगों कीमौत भी हो गई। ऐसे में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एक बार फिर मामले में अपनी प्रतिक्रिया दी है। बुधवार को उन्होंने प्रभावित लोगों की मदद कोलेकर कहा कि केवल सरकार की आलोचना करने से कुछ नहीं होगा, बल्कि जरूरत है कि लोग खुद आगे आकर पीड़ितों के साथ खड़े हों। दार्जिलिंगहिल्स में एक प्रशासनिक बैठक को संबोधित करते हुए ममता बनर्जी ने कहा कि मिरिक, कालिमपोंग, जलपाईगुड़ी, अलीपुरद्वार और अन्य इलाकों मेंकई घर, स्वास्थ्य केंद्र और सरकारी इमारतें क्षतिग्रस्त हो गई हैं। सरकार इन इलाकों में युद्धस्तर पर पुनर्निर्माण कार्य कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा किसिर्फ आलोचना करने से लोगों की परेशानियां कम नहीं होंगी। जरूरत है कि हम पीड़ितों के पास जाकर उनकी मदद करें।
उत्तर बंगाल में आई प्राकृतिक आपदाओं के बाद केंद्र ने एक पैसा भी नहीं दिया।
सीएम ममता ने यह भी बताया कि राज्य सरकार ने ‘पश्चिम बंगाल राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण’ नाम से एक नया फंड शुरू किया है। साथ ही लोगोंसे उसमें दान देने की अपील की। उन्होंने पावर मंत्री अरूप विश्वास को खाते की जानकारी पढ़ने को भी कहा। उन्होंने कहा कि भूस्खलन और बाढ़ केबाद इन केंद्रों को 500 क्विंटल आलू भेजे गए हैं। मुख्यमंत्री के अनुसार, सरकार अब तक उत्तर बंगाल में कृषि विकास के लिए 7,000 करोड़ रुपयेखर्च कर चुकी है। इसके साथ ही इस दौरान ममता बनर्जी ने भाजपा की केंद्र सरकार पर भी जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि हम किसी से भीखनहीं मांग रहे, हम अपने दम पर सब संभाल लेंगे। उन्होंने दावा किया कि उत्तर बंगाल में आई प्राकृतिक आपदाओं के बाद केंद्र ने एक पैसा भी नहींदिया।
पीड़ितों के साथ खड़ा होना चाहिए
मुख्यमंत्री ने बताया कि राहत किट बांटी जा रही हैं और प्रभावित किसानों को फसल बीमा की राशि दी जाएगी। इसके लिए जिलाधिकारियों कोनुकसान का ब्यौरा तैयार कर कृषि विभाग को भेजने के निर्देश दिए गए हैं।ममता बनर्जी ने बताया कि राज्य सरकार ने सब्जियां और अन्य जरूरी सामानसस्ते दामों पर बेचने के लिए 46 नए सुफल बांग्ला केंद्र खोले हैं। उत्तर बंगाल आपदा से प्रभावित लोगों की मदद के लिए सीएम ममता बनर्जी ने कहाकि केवल आलोचना से मदद नहीं मिलेगी, सभी को पीड़ितों के साथ खड़ा होना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार युद्धस्तर पर राहत कार्य कर रही हैऔर अब तक 7,000 करोड़ रुपये कृषि विकास पर खर्च कर चुकी है।