
राजेन्द्र पाल गौतम ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा – नमस्कार साथियों। आज बेहद गंभीर मुद्दे पर हम आप लोगों से बात करने के लिए आएहैं। आप सबको पता है कि उत्तर प्रदेश के अंदर पिछले लगभग 10 वर्षों से दलितों के ऊपर क्रूरतम शारीरिक हमले हुए हैं, हत्या हुई हैं, सामाजिकबहिष्कार की घटनाएं हुई हैं और संस्थागत भेदभाव, लगातार 10 वर्षों में दलित उत्पीड़न बहुत तेजी से उत्तर प्रदेश के अंदर बढ़ा है।पूरे देश के पांचराज्य जहां बीजेपी की सरकार है, वो दलित उत्पीड़न के मामले में टॉप पर हैं। पांच राज्यों में दलित उत्पीड़न की 75% घटनाएं बीजेपी शासित पांचराज्यों में घटी हैं। उनमें से अकेले उत्तर प्रदेश के अंदर 26.2% दलित उत्पीड़न की घटनाएं हुई हैं और यह एनसीआरबी का डाटा है, कोई मेरा बनायाहुआ डाटा नहीं है। अभी मैं आपको एक वीडियो दिखाता हूं। (वीडियो दिखाया गया) यह रायबरेली की घटना है. आपने ये वीडियो देखा होगा जैसे हीउसको बुरी तरह चारों तरफ से ये लोग पीट रहे हैं हमलावर, तो वो व्यक्ति राहुल गांधी जी का नाम लेता है। तो वो सभी लोग उसका मजाक उड़ाते, कहते हैं- ओहो, राहुल गांधीवादी, लेकिन यहां तो सब बाबावादी हैं। तो क्या बाबावादी इस उत्तर प्रदेश के अंदर, यहां की सरकार का इस देश केसंविधान में और कानून में भरोसा नहीं है? क्या उत्तर प्रदेश के अंदर अब न्यायालयों की, जांच एजेंसियों की, पुलिस की कोई जरूरत नहीं है? क्या वहांदरिंदों को खुलेआम लोगों की हत्या करने की छूट दे दी गई है? बात-बात पर बुलडोज़र चलाने वाले योगी जी, वो सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस केद्वारा डायरेक्शन देने के बाद भी उसको भी नहीं मानते।
समाज को कई प्रकार से अपमानित और प्रताड़ित करने की घटनाएं
आपने देखा होगा एक तरफ सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डायरेक्शन दे रहे हैं और कह रहे हैं – आप पर कंटेंप्ट ऑफ कोर्ट होगी, आप इस तरह नहीं करसकते, किसी पर इस तरह बुलडोज़र नहीं चला सकते। लेकिन आपने पिछले दिनों देखा जिस दिन स्टेटमेंट आई, उसी दिन बुलडोजर चला। तो इसमेंजिस तरह दलितों की लगातार उत्तर प्रदेश के अंदर घटनाएं बढ़ रही हैं। क्या दलितों पर उत्पीड़न करने वाले लोगों को भारतीय जनता पार्टी और योगीजी का पूरा संरक्षण प्राप्त है। क्योंकि मैं आपको बताता हूं कुछ घटनाएं अभी लेटेस्ट 2025 की। एक तो यह रायबरेली की घटना तो अभी दो-तीन कीरात की है। हापुड़ में 5 अक्टूबर 2025 को दलितों के धार्मिक कार्यक्रम के दौरान उनके ऊपर पथराव किया, हमला किया। मैनपुरी में सितंबर में ही2025 में दलित महिला के साथ सामूहिक बलात्कार किया। प्रयागराज के अंदर हिरासत में दलित युवक को पुलिस के अधिकारियों ने पीट-पीट करमार डाला। अमरोहा में तलवार के द्वारा हमला किया गया दलितों पर। प्रयागराज के अंदर अप्रैल 2025 में एक दलित युवक की हत्या की और शवको जला दिया। एटा में दबंगों ने दलित परिवार की शादी पर हमला किया और दूल्हे सहित अन्य लोगों को घायल किया। मुरादाबाद में मार्च 2025 में 14 वर्षीय दलित लड़की के साथ सामूहिक बलात्कार। अयोध्या में फरवरी 2025 में एक दलित परिवार की बेटी का निर्वस्त्र शव मिला और आंखेंफोड़ दी गईं। मेरठ में दलित बारात पर हमला मार्च 2025 में। सिटीजन फॉर जस्टिस एंड पीस की रिपोर्ट के अनुसार उत्तर प्रदेश में दलित विरोधीघटनाएं बढ़ी हैं।
तो एक तरफ दलितों की लगातार बारात पर हमले, दलित बेटियों के साथ सामूहिक बलात्कार करके हत्या, दलित युवाओं की खुलेआम हत्या औरसाथ ही साथ उनको दूसरे तरीके से भी अपमानित किया जा रहा है जब वो पुलिस के पास कार्रवाई के लिए जाते हैं तो पुलिस कोई कार्रवाई नहींकरती, संस्थागत भेदभाव हो रहा है और दूसरी तरफ इस तरह की भी घटनाएं आ रही है कि डॉक्टर बाबासाहेब अंबेडकर, जिसको दलित समाज के लोगअपना भगवान मानते हैं। लगातार उत्तर प्रदेश के अंदर डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर जी की मूर्तियों को तोड़ना, तथागत गौतम बुद्ध की मूर्तियों को तोड़ना, उन पर कालिख लगाना… यानी उस समाज को कई प्रकार से अपमानित और प्रताड़ित करने की घटनाएं लगातार उत्तर प्रदेश के अंदर बढ़ी हैं।
रायबरेली के अंदर बुरी तरीके से मारा गया
तो सवाल यह है कि खुलेआम जिस तरह उत्तर प्रदेश के अंदर दलितों की खुलेआम दिन दहाड़े हत्या की जा रही हैं, मॉब लिंचिंग की जा रही हैं… क्याउत्तर प्रदेश की सरकार कानून व्यवस्था में पूरी तरह विफल हो गई है? क्या योगी जी ने ऐसे दरिंदों को खुली छूट दे दी है? क्या इन दरिंदों को योगी जीका संरक्षण प्राप्त है? क्या योगी जी की सरकार को और उनके गुंडों को कानून के ऊपर संविधान के ऊपर भरोसा नहीं है? क्या उत्तर प्रदेश मेंन्यायालयों की भी जरूरत नहीं है? क्या बिना किसी जांच के किसी को एट साइट सजा देने के लिए खुली छूट दरिंदों को दे दी गई है? इन सवालों काजवाब उत्तर प्रदेश की सरकार को देना पड़ेगा।एनसीआरबी का जो डाटा 2023 का है, क्योंकि उसके बाद का कोई डाटा अभी तक इन्होंने रिलीज नहींहोने दिया। वो डाटा बताता है टोटल एट्रोसिटी के 57,789 केस 2023 में रिपोर्ट हुए। उनमें से अकेले उत्तर प्रदेश के अंदर 15,130, यानी कि26.2% केस रजिस्टर्ड हुए। और आप देखेंगे रेट ऑफ क्राइम अगेंस्ट एससी पर लाख, यानी प्रति 1 लाख पर 28.7 दलितों के साथ उत्पीड़न कीघटनाएं हो रही हैं और उसमें नेशनल एवरेज में भी उत्तर प्रदेश टॉप पर है। राजस्थान में 8,449, मध्य प्रदेश में 8,232, बिहार में 7,159, तो येअसॉल्ट, सेक्सुअल वायलेंस, मर्डर, लैंड डिस्प्यूट, सोशल बॉयकॉट, अब्यूज, इंटिमीडेशन, इस तरह की घटनाएं लगातार उत्तर प्रदेश के अंदर घट रहीहैं। यह किस तरह गर्दन पर पैर रखकर और इस हरिओम नामक एक दलित युवक को दो और तीन की रात को रायबरेली के अंदर बुरी तरीके से मारागया और जब उसने अपने मुंह से राहुल गांधी नाम बोला, तो उसका मजाक उड़ाते हुए कहते – ओहो राहुल गांधीवादी, यहां तो सब बाबावादी हैं।