
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत कई शीर्ष नेताओं ने भारतीय अंतरिक्ष यात्री ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला को Axiom-4 मिशन कीसफलता और पृथ्वी पर सुरक्षित वापसी के लिए हार्दिक बधाई दी है। उन्होंने इस उपलब्धि को भारत के लिए गौरवपूर्ण क्षण और युवाओं के लिएप्रेरणा स्रोत बताया।
सीएम योगी ने बताया “विज्ञान के प्रति समर्पण का प्रतीक“
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक्स (X) पर पोस्ट कर लिखा, “पृथ्वी पर आपका स्वागत है! ऐतिहासिक एक्सिओम मिशन-4 के सफल समापन परग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला और उनकी टीम को हार्दिक बधाई। आज हर भारतीय, विशेष रूप से उत्तर प्रदेश के लोग, बेहद गर्व महसूस कर रहे हैं। यहमिशन विज्ञान के प्रति साहस, समर्पण और प्रतिबद्धता का प्रतीक है।”
उपमुख्यमंत्री मौर्य और पाठक ने दी व्यक्तिगत शुभकामनाएं
उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने शुक्ला की वापसी को “शुभांशु की शुभ घर वापसी” बताते हुए कहा कि “उन्होंने अंतरिक्ष की ऊँचाइयों को छूकरप्रदेश और देश का मान बढ़ाया है। यह सफलता लाखों युवाओं को प्रेरणा देगी।”
दूसरे उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा, “धरती पर आपका स्वागत है ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला जी। 20 दिन अंतरिक्ष में और 18 दिन अंतरिक्ष स्टेशनपर बिताने के बाद सकुशल वापसी हर भारतीय के लिए गर्व का विषय है।”
बसपा प्रमुख मायावती ने जताया गर्व
बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि शुक्ला की सफलता न केवल युवाओं के लिए प्रेरणादायक है बल्कि यह पूरे देश के लिए उत्साहवर्धक भी है।उन्होंने शुक्ला के परिवार, इसरो के वैज्ञानिकों और पूरे मिशन से जुड़े संस्थानों को बधाई दी।
सुरक्षित वापसी के साथ ऐतिहासिक मिशन पूरा
Axiom-4 मिशन के तहत, शुभांशु शुक्ला और उनके तीन सहयोगी अंतरिक्ष यात्री स्पेस एक्स के ड्रैगन “ग्रेस” कैप्सूल से मंगलवार को कैलिफ़ोर्निया केसैन डिएगो तट के पास 22.5 घंटे की वापसी यात्रा के बाद सुरक्षित लौटे।
वैज्ञानिक प्रयोगों में भारत की भागीदारी
25 जून को स्पेस एक्स के फाल्कन-9 रॉकेट से प्रक्षेपण के बाद, यह मिशन 26 जून को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन से जुड़ा था। शुक्ला ने 18 दिनोंकी कक्षा यात्रा में 310 बार पृथ्वी की परिक्रमा की और लगभग 1.3 करोड़ किलोमीटर की दूरी तय की। इस दौरान उन्होंने ISRO द्वारा निर्धारित सातसूक्ष्म गुरुत्वाकर्षण प्रयोग किए, जिनमें मांसपेशियों का पुनर्जनन, विकिरण प्रभाव, शैवाल अध्ययन और मानव शरीर क्रिया विज्ञान जैसे महत्वपूर्णविषय शामिल थे। ये प्रयोग भारत के गगनयान मिशन के लिए अहम माने जा रहे हैं।
लखनऊ में खुशी की लहर
लखनऊ निवासी शुभांशु शुक्ला की सफलता ने न सिर्फ उत्तर प्रदेश, बल्कि पूरे देश में उत्साह और गर्व की लहर दौड़ा दी है। शुक्ला के माता-पिता इसउपलब्धि से भावुक हो उठे, वहीं आम नागरिकों और उनके परिचितों ने इसे भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम का ऐतिहासिक क्षण बताया।