दिल्ली में सरकारी स्कूलों के क्लासरूम निर्माण में हुए कथित घोटाले की जांच निर्णायक मोड़ पर पहुंच चुकी है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवारको इस मामले से जुड़े ठेकेदारों और अधिकारियों के 37 ठिकानों पर छापेमारी की। इस कार्रवाई के बाद राजनीतिक हलकों में हलचल तेज हो गई है।
भाजपा का आरोप
दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेन्द्र सचदेवा ने बयान जारी कर कहा कि यह घोटाला पूरी तरह स्थापित हो चुका है, जिसकी शिकायत पहले ही लोकायुक्तऔर भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (ACB) में की गई थी। उन्होंने आरोप लगाया कि जांच के दौरान शिक्षा और लोक निर्माण विभाग के अधिकारीजानबूझकर एजेंसियों को जानकारी देने से बचते रहे, जो यह दर्शाता है कि केजरीवाल सरकार मामले को दबाने का प्रयास कर रही थी।
मुख्य आरोपी हैं सिसोदिया और जैन
सचदेवा ने कहा कि इस कथित घोटाले में दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन मुख्य आरोपी हैं। भाजपा नेता ने आरोपलगाया कि सत्ता में रहते हुए भी दोनों ने जांच में सहयोग नहीं किया और अब एजेंसियों के समक्ष पेश होने से बच रहे हैं।
कानून का शिकंजा कस चुका है
वीरेन्द्र सचदेवा ने तीखा बयान देते हुए कहा, “अब मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन को यह समझ लेना चाहिए कि वे चाहे जो भी कर लें, कानून अबउनके बेहद करीब पहुंच चुका है और उन्हें जल्द ही जेल जाना होगा।”
ईडी की इस छापेमारी को भाजपा ने भ्रष्टाचार के खिलाफ निर्णायक कदम बताया है, वहीं आम आदमी पार्टी की ओर से अब तक इस पर कोईऔपचारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।