इस्राइल की खुफिया एजेंसी ‘मोसाद’ ने ईरान पर हमले की रणनीति गुप्त रूप से पहले ही तैयार कर ली थी। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इस्राइल नेहमले से पहले ईरान की सीमा के भीतर ही ड्रोन और अत्याधुनिक हथियार सक्रिय कर दिए थे। इनका उपयोग राजधानी तेहरान के पास स्थित एकईरानी मिसाइल बेस पर हमला करने के लिए किया गया।
गुप्त ठिकानों से उड़ाए गए ड्रोन
इस्राइल के सुरक्षा सूत्रों के अनुसार, ईरान के अंदर स्थित गुप्त ठिकानों से विस्फोटक से लैस ड्रोन उड़ाए गए, जबकि कुछ वाहनों में लगे हथियार सिस्टमभी एक साथ सक्रिय किए गए। इस हमले का उद्देश्य ईरानी हवाई सुरक्षा प्रणाली को कमजोर करना और रणनीतिक ठिकानों को नुकसान पहुंचानाथा।
ईरान की प्रतिक्रिया: नए सैन्य कमांडरों की तैनाती
इस हमले में ईरान के दो शीर्ष सैन्य अधिकारियों के मारे जाने की खबर सामने आई है। इसके तुरंत बाद, ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अलीखामेनेई ने सैन्य नेतृत्व में बदलाव करते हुए जनरल अब्दुर्रहीम मूसेवी को ईरानी सशस्त्र बलों का नया प्रमुख नियुक्त किया है। वहीं, जनरल मोहम्मदपाकपुर को आईआरजीसी (इस्लामिक रिवॉल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स) का नया कमांडर बनाया गया है। उन्होंने जनरल होसैन सलामी की जगह ली है।आईआरजीसी ईरान की सबसे ताकतवर सैन्य इकाई मानी जाती है।
तनाव चरम पर, दुनिया की नजरें टिकीं
फिलहाल इस हमले की आधिकारिक पुष्टि न तो इस्राइल और न ही ईरान ने की है, लेकिन पश्चिमी मीडिया और सुरक्षा विशेषज्ञ इसे इस्राइल कीभीतर से की गई एक नई किस्म की सैन्य कार्रवाई मान रहे हैं। हमले के बाद हालात बेहद तनावपूर्ण हो गए हैं और पूरी दुनिया की नजर ईरान कीप्रतिक्रिया पर टिकी हुई है। यदि यह संघर्ष और बढ़ा, तो मध्य-पूर्व में अस्थिरता और गहराने की आशंका है।