पहलगाम हमले का बदला लिए बिना संघर्षविराम क्यों? — आतिशी ने पीएम मोदी से पूछे तीखे सवाल
“क्या संघर्षविराम का समय था? क्या हमने अपनी बेटियों के सिंदूर का बदला ले लिया? क्या पहलगाम हमले के दोषियों को भारत को सौंपा गया?” – आतिशी
भारत की जनता को चाहिए जवाब
अगर पाकिस्तान ने संघर्षविराम की गुहार लगाई, तो इसका ऐलान भारत की बजाय अमेरिका ने क्यों किया?
अगर पाकिस्तान ने हार मानी, तो उसने सार्वजनिक रूप से इसकी घोषणा क्यों नहीं की?
क्या पहलगाम हमले के गुनहगार भारत को सौंपे गए?
क्या अमेरिकी व्यापार का दबाव भारत की बेटियों के सम्मान से बड़ा हो गया है?
दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और आम आदमी पार्टी की वरिष्ठ नेता आतिशी ने केंद्र सरकार द्वारा पाकिस्तान के साथ संघर्षविराम स्वीकार किएजाने पर कड़ा सवाल उठाया है। उन्होंने कहा कि जब भारतीय सेना आतंकवादियों और उनके सरपरस्तों पर करारा वार कर रही थी, तभी अमेरिका केहस्तक्षेप पर भारत ने अचानक चुपचाप संघर्षविराम मान लिया।
आतिशी ने पूछा, “क्या हमारी बेटियों के सिंदूर की कीमत अमेरिकी व्यापार से कम है? क्या यह न्याय है कि हमला भारत पर हो और समझौताअमेरिका के दबाव में हो?”
पहलगाम हमला – देश की आंखों में आंसू
आतिशी ने बताया कि 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में एक भयावह आतंकी हमला हुआ, जिसमें निर्दोष पर्यटकों को निशाना बनाया गया।“उस दिन पूरे देश ने हमारी बेटियों की आंखों में आंसू देखे और न्याय की मांग की,” उन्होंने कहा।
ऑपरेशन सिंदूर – सेना का जवाब
आम आदमी पार्टी की नेता ने बताया कि जब 7 मई को भारतीय सेना ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू किया, तो पूरा देश एकजुट था। सभी दलों ने सरकारका समर्थन किया क्योंकि यह सवाल था भारत की अस्मिता का और हमारी बेटियों की शहादत का।
अमेरिका ने किया संघर्षविराम का ऐलान, भारत ने चुपचाप मान लिया
आतिशी ने सवाल उठाया कि 10 मई को संघर्षविराम की घोषणा भारत या भारतीय सेना ने नहीं, बल्कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने की—वो भीसोशल मीडिया के ज़रिये। आधे घंटे बाद भारत ने बिना कुछ कहे इसे स्वीकार कर लिया।
तीखे सवाल, जिनका जवाब देश मांग रहा है.
अगर पाकिस्तान ने आत्मसमर्पण किया, तो इसकी घोषणा भारत ने क्यों नहीं की?. क्या पाकिस्तान ने आधिकारिक रूप से हार मानी? कोई समझौताया बयान क्यों नहीं आया?
क्या पहलगाम हमले के दोषियों को भारत को सौंपा गया?
क्या अमेरिका के दबाव में लिया गया फैसला?
आतिशी ने दावा किया कि अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने खुद कहा कि उन्होंने भारत को व्यापार रोकने की धमकी दी थी। उन्होंने पीएम मोदी से सीधासवाल पूछा—“प्रधानमंत्री जी, क्या अमेरिका से व्यापार भारत की बेटियों के सिंदूर से ज़्यादा कीमती हो गया है?”
आखिरी सवाल: न्याय कब मिलेगा?
“जब तक पहलगाम हमले के गुनहगार भारत के हाथ में नहीं आते, तब तक यह संघर्षविराम अधूरा और अपमानजनक है,” आतिशी ने कहा।”प्रधानमंत्री को अब चुप्पी तोड़नी होगी और देश को सच बताना होगा।”