
आंध्र प्रदेश के पार्वतीपुरम मन्यम जिले के कुरुपम गर्ल्स जनजातीय गुरुकुल स्कूल में दूषित पानी पीने से दो आदिवासी छात्राओं की मौत हो गई औरसैकड़ों छात्राएं बीमार हो गईं। इस घटना ने पूरे राज्य में हलचल मचा दी है। पूर्व मुख्यमंत्री और वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष वाईएस जगनमोहन रेड्डी ने इस हादसे के लिए चंद्रबाबू नायडू की गठबंधन सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि सरकार की घोर लापरवाही ने मासूमबच्चियों की जान ले ली। पूर्व सीएम जगन मोहन रेड्डी ने कहा कि कुरुपम गर्ल्स जनजातीय गुरुकुल स्कूल में लगा आरओ प्लांट कुछ समय पहले गिरगया था, जिसके बाद छात्राओं को दूषित पानी पीना पड़ा। इसी कारण स्कूल में पीलिया फैल गया। चार दिनों के भीतर दो बच्चियों की मौत हो गईऔर कई अन्य गंभीर रूप से बीमार हैं। उन्होंने सवाल उठाया, ‘क्या यही जिम्मेदार सरकार का रवैया है? मुख्यमंत्री और मंत्री क्या कर रहे हैं जब गरीबबच्चियां मर रही हैं? क्या उन्हें आदिवासी बेटियों का दर्द दिखाई नहीं दे रहा?’
छात्राओं से मुलाकात की और सरकार को पूरी तरह जिम्मेदार बताया
उन्होंने आरोप लगाया कि मौजूदा चंद्रबाबू नायडू और उनके बेटे लोकेश, जो शिक्षा मंत्री हैं, ने निजी हितों के लिए सरकारी शिक्षा व्यवस्था को कमजोरकर दिया है। जगन ने कहा, ‘आपकी नीतियों के कारण करीब 5 लाख बच्चे सरकारी स्कूल छोड़ चुके हैं।’ उन्होंने चेतावनी दी कि लगातार लापरवाही, जैसे होस्टल में फूड प्वाइजनिंग, आरओ प्लांट की खराबी, और असुरक्षित स्कूल परिस्थितियां, अब आम बात बन गई हैं। उन्होंने कहा, ‘इन निर्दोषबच्चियों की मौतें सरकार की सीधी हत्या हैं।’ जगन ने मुख्यमंत्री नायडू से नैतिक जिम्मेदारी लेने और पीड़ित परिवारों से माफी मांगने की मांग की।साथ ही उन्होंने कहा, ‘सरकार तुरंत जागे, स्कूलों में सुरक्षित सुविधाएं बहाल करे और मृत छात्राओं के परिवारों को प्रत्येक को 25 लाख रुपये कामुआवजा दे।’ इधर वाईएसआरसीपी नेताओं ने पार्वतीपुरम जिले के आदिवासी आवासीय स्कूलों में फैल रहे स्वास्थ्य संकट पर गहरी चिंता जताई। पूर्वउपमुख्यमंत्री पुष्पा श्रीवाणी, अराकू सांसद तानूजा रानी, पूर्व विधायक राजन्ना डोरा और जिला परिषद अध्यक्ष माजी चिन्ना श्रीनु ने किंग जॉर्जहॉस्पिटल (केजीएच) में भर्ती छात्राओं से मुलाकात की और सरकार को पूरी तरह जिम्मेदार बताया।
बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग
उन्होंने बताया कि अनजली और कल्पना नाम की दो छात्राओं की मौत हो चुकी है, जबकि 120 से अधिक बच्चियां अस्पताल में भर्ती हैं। इस मुख्यकारण दूषित पानी, खराब सफाई व्यवस्था, और बंद पड़े आरओ प्लांट्स है। पुष्पा श्रीवाणी ने कहा कि वाईएसआरसीपी सरकार के समय लगाए गएआरओ प्लांट्स महीनों से खराब पड़े हैं और उनकी मरम्मत नहीं हुई। उन्होंने कहा, ‘छात्राओं को मजबूर होकर असुरक्षित पानी पीना पड़ा। सरकारजिम्मेदारी लेने के बजाय निचले कर्मचारियों को निलंबित कर मामला दबा रही है।’ उन्होंने यह भी बताया कि होस्टलों में पंखे, मच्छरदानी जैसी मूलभूतसुविधाएं नहीं हैं, और सफाई कर्मचारियों को तीन महीने से वेतन नहीं मिला। अराकू की सांसद तानूजा रानी ने कहा कि 129 छात्राएं फिलहालपीलिया से पीड़ित हैं। उन्होंने कहा, ‘बार-बार चेतावनी देने के बावजूद सरकार ने न तो शुद्ध पानी की व्यवस्था की, न ही डॉक्टरों की टीम भेजी।’ उन्होंनेआरोप लगाया कि जनजातीय कल्याण मंत्री सिर्फ मीडिया दबाव के बाद स्कूल पहुंचे और प्रशासन को बचाने के लिए उलझी बातें कर रहे हैं।वाईएसआरसीपी नेताओं ने कहा कि यह हादसा गठबंधन सरकार के पिछले 15 महीनों में आदिवासी कल्याण की पूरी तरह विफलता को दिखाता है।उन्होंने तुरंत कदम उठाने और बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की।