
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के वरिष्ठ सलाहकार पीटर नवारो ने ब्रिक्स देशों पर निशाना साधते हुए उन्हें ‘वैम्पायर’ यानी खून चूसने वाले करार दिया. उनका आरोप है कि ये देश अनुचित व्यापारिक नीतियों के जरिए अमेरिका की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचा रहे हैं पीटर नवारो ने अमेरिकी मीडियाचैनल को दिए एक इंटरव्यू में कहा कि ब्रिक्स देशों का अस्तित्व तभी तक है जब तक वे अमेरिका को सामान बेचते हैं. उन्होंने कहा, ‘इन देशों में सेकोई भी अमेरिका को अपने उत्पाद बेचे बिना जीवित नहीं रह सकता. लेकिन जब ये हमें सामान बेचते हैं तो ये वैम्पायर की तरह हमारे खून को चूसते हैं.
उन्होंने दावा किया कि ब्रिक्स देशों के बीच आपसी अविश्वास और तनाव है नवारो ने कहा, ‘इतिहास गवाह है कि ये देश एक-दूसरे से नफरत करते हैंऔर लड़ते-भिड़ते रहते हैं.
नवारो ने कसा तंज
नवारो ने उदाहरण देते हुए कहा कि रूस और चीन के बीच भरोसा नहीं है चीन, रूस के व्लादिवोस्तोक पोर्ट पर अपना दावा करता है और अवैध आव्रजनके जरिए साइबेरिया में अपनी पकड़ बढ़ा रहा है. भारत और चीन के बीच दशकों से सीमा विवाद और तनाव है चीन ने पाकिस्तान को परमाणु हथियारदिए, जिससे भारत की सुरक्षा चिंताएं और बढ़ीं। ब्राजील की अर्थव्यवस्था राष्ट्रपति लूला की समाजवादी नीतियों की वजह से गिर रही है नवारो ने तंजकसते हुए कहा, ‘अब देखना होगा कि ये गठबंधन कितने दिन चलता है. पीटर नवारो की यह टिप्पणी उस समय आई है जब ब्राजील की अध्यक्षता मेंब्रिक्स की वर्चुअल बैठक हुई भारत की ओर से विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का प्रतिनिधित्व किया.
राजनीतिक और आर्थिक समन्वय का मंच
जयशंकर ने बैठक में जोर दिया कि ब्रिक्स को वैश्विक अर्थव्यवस्था को स्थिर करने, वैश्विक दक्षिण पर जारी संघर्षों के प्रभाव को दूर करने औरबहुपक्षीय संस्थाओं में सुधार का समर्थन करना चाहिए. वहीं इस समिट में ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला दा सिल्वा ने कहा कि चर्चा काकेंद्र एक न्यायपूर्ण, संतुलित और समावेशी वैश्विक व्यवस्था बनाने पर रहा. वर्तमान में ब्रिक्स में 11 देश शामिल हैं- ब्राजील, रूस, भारत, चीन, दक्षिणअफ्रीका, सऊदी अरब, मिस्र, यूएई, इथियोपिया, इंडोनेशिया और ईरान यह समूह मुख्य रूप से ग्लोबल साउथ देशों के बीच राजनीतिक और आर्थिकसमन्वय का मंच है.