
छंब क्षेत्र के सीमावर्ती गावों के लोगों में ऑपरेशन सिंदूर के बाद अब एक बार फिर दहशत बनी हुई है। इसका कारण अफगानिस्तान और पाकिस्तानकी सेना के बीच लड़ाई बताई जा रही है। सीमावर्ती गावों के लोगों का कहना है अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच छिड़ी जंग की लपटें कहींभारत की तरफ रुख न कर लें। लोगों ने बताया कि अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच जंग ऐसे समय पर शुरू हुई है जब अफगानिस्तान के विदेशमंत्री आमिर खान भारत के दौरे पर हैं। सीमावर्ती गांव निवासी नवीन सिंह, पवन कुमार तथा चंचला देवी निवासी पलांवाला ने बताया कि पाकिस्तानका कोई भरोसा नहीं है। अफगानिस्तान और भारत के बीच अच्छे संबंधों को देखकर बौखलाई पाकिस्तान की सेना कहीं भारतीय क्षेत्र को निशानाबनाने की कोशिश न कर दे।
पाकिस्तान का कोई भरोसा नहीं
क्षेत्र में धान की फसल पक कर तैयार है और किसानों की तरफ से धान की छोटी फसल की कटाई भी चल रही है।ऐसे समय पर सीमा पर माहौलबिगड़ना किसानों के लिए नुकसानदायक है। गांव के लोगों ने बताया कि हमें भारतीय सेना पर पूरा भरोसा है। भारतीय सेना सीमावर्ती गांवों के लोगोंकी रक्षा करने के लिए सीमा पर पूरी तरह से मुस्तैद है। ऑपरेशन सिंदूर के छह महीने बाद भी पुंछ में बंकर निर्माण कार्य शुरू नहीं होने से लोगों में रोषहै। गांव दिगवार निवासी सुनील कुमार, राविंद्र सिंह कहना है कि पाकिस्तान का कोई भरोसा नहीं कब नियंत्रण रेखा पर संघर्ष विराम समाप्त कर अपनीनापाक हरकत को अंजाम देने लगे।
ऑपरेशन सिंदूर के बाद सरकार ने नए बंकर बनाने की घोषणा की
वैसे भी पाकिस्तान के कब्जे वाले क्षेत्र और अब अफगानिस्तान के साथ पाकिस्तान के तनाव से जिले में हालात तनावपूर्ण हैं। इसलिए सरकार औरप्रशासन को नियंत्रण रेखा से सटे इलाकों के साथ नगर में जल्दी बंकरों का निर्माण कार्य शुरू करवाना चाहिए। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तानीगोलाबारी में पुंछ नगर में भारी जान माल का नुकसान हुआ था। वैसे गांव तीन तरफ से पाकिस्तानी सेना की चौकियों की गोलाबारी की जद में आता हैऔर वहां आज तक एक भी बंकर नहीं बनाया गया है। लोगों ने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद सरकार ने नए बंकर बनाने की घोषणा की थीलेकिन अभी तक उस पर कोई कार्रवाई नहीं हो पाई है। अफगानिस्तान-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव ने जम्मू-कश्मीर के छंब और पुंछ के सीमावर्तीगांवों में दहशत का माहौल बना दिया है। ग्रामीणों ने सरकार से जल्द बंकर निर्माण की मांग की है, ताकि जान-माल और फसल की सुरक्षा सुनिश्चितहो सके।