
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अंबाला वायुसेना स्टेशन से फ्रांस निर्मित राफेल लड़ाकू विमान में उड़ान भरी। वह फ्लाइट सूट पहनकर राफेल में बैठीं और टेकऑफ से पहले हाथ हिलाकर अभिवादन किया। जानकारी के अनुसार, राष्ट्रपति मुर्मू ने अधिकारियों से राफेल विमान की तकनीक, उसे चलाने के तरीकेऔर सुरक्षा से जुड़ी बातें समझीं। बता दें कि राष्ट्रपति ने हमेशा से सेना से जुड़े कामों में दिलचस्पी दिखाई है। मुर्मु बुधवार सुबह 9.15 बजे विशेषविमान से अंबाला पहुंची थीं। एयरफोर्स स्टेशन पर एयर चीफ मार्शल अमर प्रीत सिंह ने उनका स्वागत किया। एयरफोर्स स्टेशन पर राष्ट्रपति को गार्डऑफ ऑनर दिया गया, फिर उन्होंने परेड का निरीक्षण किया। राष्ट्रपति ने जवानों से मुलाकात कर एयरफोर्स स्टेशन की यूनिट्स का निरीक्षण भीकिया।
एयरफोर्स स्टेशन अंबाला छावनी पहुंचीं
जिला प्रशासन की ओर से कार्यक्रम के आयोजन और प्रोटोकॉल के तहत संबंधित विभागों के अधिकारियों व अन्य की जिम्मेदारी तय की गई है।उपायुक्त अजय सिंह तोमर ने बताया कि राष्ट्रपति दिल्ली से हवाई मार्ग के माध्यम से एयरफोर्स स्टेशन अंबाला छावनी पहुंचीं। सुरक्षा के लिहाज सेएयरफोर्स स्टेशन के आसपास के इलाके में ड्रोन उड़ाने पर पाबंदी लगाई गई है। एयरफोर्स स्टेशन के अंदर किसी को भी मोबाइल ले जाने की परमिशननहीं है। केवल अधिकृत व्यक्तियों को ही एयरफोर्स स्टेशन में प्रवेश दिया गया है। भारत ने राफेल लड़ाकू विमान फ्रांस से खरीदे हैं। पहली खेप 27 जुलाई 2020 को मिली थी, जिसमें 5 राफेल विमान शामिल थे। ये विमान सबसे पहले अंबाला एयरबेस पहुंचे थे। उन्होंने फ्रांस के मेरिग्नैक एयरबेससे उड़ान भरी, संयुक्त अरब अमीरात के अल दफरा एयरबेस पर रुके और फिर भारत पहुंचे।
ड्रोन उड़ाने पर पाबंदी लगाई गई
10 सितंबर 2020 को अंबाला एयरबेस पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और फ्रांस की रक्षा मंत्री फ्लोरेंस पार्ली की उपस्थिति में एक औपचारिक इंडक्शनसेरेमनी आयोजित की गई थी। इन विमानों को भारतीय वायुसेना की 17वीं स्क्वॉड्रन, “गोल्डन एरोज” में शामिल किया गया था। रक्षा मंत्री राजनाथसिंह भी राफेल में उड़ान भर चुके हैं।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू बुधवार सुबह अंबाला के एयरफोर्स स्टेशन पहुंचीं। वहीं, सुरक्षा के लिहाज से एयरफोर्स स्टेशन के आसपास के इलाके में ड्रोनउड़ाने पर पाबंदी लगाई गई है।