उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में एक पॉडकास्ट में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को ‘नमूना’ कहकर विवाद खड़ा कर दिया। इसबयान के बाद कांग्रेस की ओर से तीखी प्रतिक्रियाएं आई हैं। कांग्रेस के सांसद के. सुरेश ने योगी आदित्यनाथ को सलाह दी कि वह राहुल गांधी परटिप्पणी करने के बजाय उत्तर प्रदेश की कानून-व्यवस्था और अन्य गंभीर मुद्दों पर ध्यान दें। उन्होंने कहा कि महाकुंभ में मारे गए लोगों के परिवारों कोमुआवजा देने का वादा तो किया गया था, लेकिन अब तक कोई मुआवजा नहीं दिया गया है। ऐसे में योगी आदित्यनाथ को इन मुद्दों पर ध्यान केंद्रितकरना चाहिए, न कि कांग्रेस और राहुल गांधी पर आरोप लगाते रहना चाहिए।
के. सुरेश ने इस पर और भी प्रतिक्रिया व्यक्त की, “यह पहली बार नहीं है जब योगी आदित्यनाथ ने कांग्रेस और राहुल गांधी पर हमले किए हैं। इस परकोई जवाब देने की जरूरत नहीं है।” उन्होंने कहा, “योगी आदित्यनाथ ने महाकुंभ में हुई भगदड़ में मारे गए लोगों के परिवारों को 25 लाख रुपयेमुआवजा देने का वादा किया था, लेकिन अब तक इस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। यूपी की कानून-व्यवस्था भी पूरी तरह से चरमरा चुकी है, लेकिनइसके बावजूद मुख्यमंत्री योगी कांग्रेस पार्टी और INDIA गठबंधन पर आरोप लगा रहे हैं।”
इस टिप्पणी के बाद कांग्रेस पार्टी ने इसे एक और प्रयास माना है मुख्यमंत्री योगी द्वारा राजनीति करने का, जबकि वास्तविक मुद्दों से ध्यान हटाने कीकोशिश की जा रही है। वे जनता के मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए राहुल गांधी और कांग्रेस पर अनावश्यक आरोप लगा रहे हैं।
योगी आदित्यनाथ के इस विवादास्पद बयान में उन्होंने कहा था, “भारत जोड़ो यात्रा वास्तव में भारत तोड़ो अभियान का हिस्सा है। राहुल गांधी भारत केबाहर भारत की आलोचना करते हैं, और देश अब उनकी नीयत और स्वभाव को समझ चुका है। भारतीय राजनीति में और भारतीय जनता पार्टी के लिएराहुल गांधी जैसे कुछ नमूने जरूरी होते हैं, ताकि रास्ता हमेशा के लिए साफ रहे।” योगी आदित्यनाथ के इस बयान से कांग्रेस के नेताओं को आक्रोशितकर दिया है, और उन्होंने इसे राजनीति का एक निम्न स्तर माना है।
मुख्यमंत्री ने कांग्रेस पर कई गंभीर आरोप भी लगाए। उन्होंने कहा, “कांग्रेस हमेशा से अयोध्या विवाद को विवाद बनाए रखना चाहती थी। वे काशी कीसंकरी गली में राजनीति करते रहे हैं, लेकिन महात्मा गांधी ने 1916 में ही काशी की संकरी गली पर टिप्पणी की थी। कांग्रेस ने अपने शासन में इसकासमाधान क्यों नहीं किया? महात्मा गांधी का सपना क्यों पूरा नहीं किया? वह सपना अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूरा किया।” उनका यह बयान स्पष्टरूप से कांग्रेस के इतिहास और उसकी नीतियों पर सवाल उठाता है, जबकि प्रधानमंत्री मोदी की सरकार को उन्होंने अयोध्या विवाद के समाधान औरअन्य मुद्दों पर सफलता का श्रेय दिया है।
इसके अतिरिक्त, सीएम योगी ने कांग्रेस के शासनकाल में हुए कुछ महत्वपूर्ण मामलों पर भी सवाल उठाए। उन्होंने पूछा कि कांग्रेस के शासन में तीनतलाक क्यों नहीं खत्म किया गया, कुंभ को विश्वस्तरीय सम्मान क्यों नहीं दिया गया, और कांग्रेस इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में क्यों असफल रही। योगीआदित्यनाथ ने इन मुद्दों को उठाकर कांग्रेस की नीतियों को असफल ठहराने की कोशिश की है। उनका कहना था कि कांग्रेस के पास देश के विकासके लिए कोई ठोस योजना नहीं थी, जबकि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में यह सब संभव हुआ है।
कांग्रेस पार्टी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बीच यह विवाद निश्चित रूप से यूपी की राजनीति में और पूरे देश में गहरे प्रभाव डाल सकता है। जहांएक ओर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने बयान में कांग्रेस और राहुल गांधी पर निशाना साध रहे हैं, वहीं दूसरी ओर कांग्रेस पार्टी इस आलोचना कोएक राजनीतिक हथियार के रूप में इस्तेमाल कर रही है ताकि जनता के सामने भाजपा की असल नीतियों और कार्यों को उजागर किया जा सके।
कांग्रेस का आरोप है कि योगी आदित्यनाथ राज्य की कानून-व्यवस्था, बेरोजगारी, किसानों की समस्याओं, और सामाजिक सुरक्षा जैसे गंभीर मुद्दों सेध्यान हटा कर केवल अपनी राजनीति चमकाने की कोशिश कर रहे हैं। वहीं योगी आदित्यनाथ और भाजपा का कहना है कि कांग्रेस ने हमेशा देश औरराज्य के विकास में बाधाएं डालने का काम किया है, और अब समय आ गया है जब कांग्रेस के पुराने कारनामों का खुलासा किया जाए।
यह विवाद अब राजनीतिक मैदान में एक नए मोड़ पर पहुंच चुका है, जहां दोनों दल एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं। आगामी चुनावों में यहमुद्दा और भी गरमाने की संभावना है, क्योंकि हर पार्टी अपने-अपने दृष्टिकोण से जनता को प्रभावित करने की कोशिश कर रही है। योगी आदित्यनाथका बयान कांग्रेस के लिए एक चुनौती बन सकता है, जबकि कांग्रेस इसे अपने पक्ष में कर सकती है यदि वे इसे सही तरीके से राजनीतिक मुद्दे के रूप मेंपेश करें।