भारत के स्टार क्रिकेटर वरुण चक्रवर्ती ने हाल ही में अपने करियर के एक कठिन दौर के बारे में खुलकर बात की। उन्होंने बताया कि कैसे एक समयउनका मनोबल गिर गया था और वे डिप्रेशन का शिकार हो गए थे। चक्रवर्ती ने यह स्वीकार किया कि जब उन्हें 2021 के टी20 विश्व कप के लिएचुना गया था, तब वे खुद को पूरी तरह से साबित नहीं कर पाए थे, और यह उनका सबसे बुरा समय था।
वरुण चक्रवर्ती के लिए वह समय बेहद कठिन था, जब उन्होंने महसूस किया कि वह विश्व कप के दौरान अपनी पूरी क्षमता से खेल नहीं पाए। यहघटना उनके मानसिक स्वास्थ्य पर गहरा असर डाल रही थी, और उनका आत्मविश्वास डगमगा गया था। उन्होंने कहा, “मुझे लगा था कि यह मेरी सबसेबड़ी मौका था, लेकिन जब मैंने प्रदर्शन नहीं किया, तो मुझे लगा कि मेरी क्रिकेट यात्रा खत्म हो सकती है।”
इसके बाद, चक्रवर्ती को टीम में जगह बनाने के लिए लंबा इंतजार करना पड़ा। उन्हें 3 साल तक भारतीय क्रिकेट टीम में फिर से मौका नहीं मिला। इसमुश्किल समय के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा, “डेब्यू से कहीं ज्यादा मेरे लिए वापसी का रास्ता कठिन था। जब आप टीम में नहीं होते और सबकुछआपको पीछे की ओर खींचता है, तो उस स्थिति से बाहर निकलना बहुत चुनौतीपूर्ण होता है।”
हालांकि, वरुण चक्रवर्ती ने हार नहीं मानी। उन्होंने खुद को मानसिक और शारीरिक रूप से तैयार किया और आखिरकार अपनी मेहनत से टीम में वापसीकी। यह उनके आत्मविश्वास का प्रतीक बन गया, और उन्होंने साबित किया कि कभी हार नहीं माननी चाहिए।
चक्रवर्ती का यह अनुभव उन सभी खिलाड़ियों और व्यक्तियों के लिए एक प्रेरणा है जो कठिन समय से गुजर रहे हैं। उनका संघर्ष यह दर्शाता है किअगर आप अपने लक्ष्य के प्रति ईमानदार और समर्पित रहें, तो अंततः आप अपनी राह पा सकते हैं, चाहे रास्ता कितना भी कठिन क्यों न हो।
आज, वरुण चक्रवर्ती भारतीय क्रिकेट टीम का अहम हिस्सा हैं, और उनकी वापसी एक संदेश है कि मानसिक दृढ़ता और संघर्ष से बड़ी कोई भी जीतनहीं होती।