
बिहार में मतदाता सूची संशोधन के विरोध में विपक्षी सांसदों ने संसद भवन से चुनाव आयोग कार्यालय तक विरोध मार्च शुरू किया. इस दौरानप्रदर्शनकारी विपक्षी सांसदों को रोकने के लिए परिवहन भवन में पुलिस बैरिकेड्स लगा दिए. यहां उन्हें चुनाव आयोग मुख्यालय की ओर आगे बढ़ने सेरोक दिया गया पुलिस का कहना है कि विपक्षी सांसदों की ओर से इस मार्च के लिए कोई अनुमति नहीं ली गई थी. पुलिस की ओर से रोके जाने केबाद अखिलेश यादव, महुआ मोइत्रा समेत कई सांसदों ने बैरिकेड्स पर चढ़ने की कोशिश. कुछ सांसद बैरिकेड्स कूदकर बीच सड़क पर धरने पर बैठगए. पुलिस ने प्रदर्शन कर रहे सांसदों को समझाने की कोशिश की, लेकिन जब सांसदों ने सड़क से हटने से इनकार किया तो राहुल-प्रियंका गांधीसमेत तमाम नेताओं को पुलिस ने हिरासत में ले लिया.
सांसद भी थे शामिल
मल्लिकार्जुन खरगे और शरद पवार समेत विपक्षी सांसदों ने सोमवार को बिहार में मतदाता सूची संशोधन के विरोध में संसद भवन से चुनाव आयोगमुख्यालय तक मार्च निकाला. हालांकि पुलिस ने उन्हें परिवहन भवन के पास बीच रास्ते में ही रोक दिया.पुलिस की ओर से सांसदों को आगे बढ़ने सेरोके जाने पर कई नेता सड़क पर ही बैठ गए और विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) प्रक्रिया और ‘वोट चोरी’ के आरोपों के विरोध में नारे लगानेलगे. उन्होंने पोस्टर लिए और एसआईआर को वापस लेने की मांग करते हुए नारे लगाए. ‘एसआईआर’ और ‘वोट चोरी’ लिखी हुई लाल क्रॉस वालीसफेद टोपी पहने प्रदर्शनकारी सांसदों ने तख्तियां और बैनर लहराकर एसआईआर प्रक्रिया के खिलाफ नारे लगाए. इससे पहले संसद के मकर द्वार परविरोध मार्च शुरू करने से पहले उन्होंने राष्ट्रगान गाया. मार्च में शामिल होने वालों में प्रमुख रूप से टीआर बालू (द्रमुक), संजय राउत (शिवसेना-यूबीटी), डेरेक ओब्रायन (टीएमसी), कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा, समाजवादी पार्टी के अखिलेश यादव समेत द्रमुक, राजद और वामपंथी दलों जैसेविपक्षी दलों के अन्य सांसद शामिल थे.
सूचना देने की कही थी बात
दरअसल चुनाव आयोग ने कांग्रेस नेता जयराम रमेश को पत्र लिखकर दोपहर 12.30 बजे मिलने के लिए बुलाया था. चुनाव आयोग ने उनसे 30 सांसदों के साथ आने को कहा था और आनले से पहले उन सांसदों की सूचना देने की बात कही थी. इसी के मद्देनजर पुलिस ने प्रदर्शनकारी सांसदों सेकहा कि 30 लोग चुनाव आयोग के दफ्तर तक जा सकते हैं. इसके लिए पैदल या वाहन जैसे विकल्प चुन सकते हैं. हालांकि, विपक्ष इसके लिएतैयार नहीं हुआ. पुलिस ने यह भी बताया कि मार्च के लिए कोई अनुमति नहीं ली गई थी. इससे पहले पुलिस ने प्रदर्शनकारी सांसदों को आगे बढ़ने सेरोकने के लिए संसद मार्ग पर परिवहन भवन के पास व्यापक व्यवस्था की थी. इस दौरान बैरिकेड्स लगाए गए थे. पुलिस ने सांसदों से आगे न बढ़नेको कहा। इस दौरान लाउडस्पीकर से घोषणा की गई. उन्हें संसद भवन से कुछ ही दूरी पर स्थित चुनाव आयोग मुख्यालय की ओर बढ़ने से रोका गया.