नई दिल्ली: कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। इस हमले में अब तक 26 लोगों की जानजा चुकी है और दर्जनों घायल हैं। इस हमले के विरोध में देशभर में आक्रोश है। इसी कड़ी में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने दिल्ली में कैंडल मार्चनिकालकर शहीदों को श्रद्धांजलि दी और केंद्र सरकार से आतंक के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की।
कैंडल मार्च का आयोजन और स्थान
यह कैंडल मार्च इंडिया गेट से शुरू होकर राजपथ तक आयोजित किया गया। कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व, युवा कांग्रेस, महिला कांग्रेस और दिल्ली प्रदेशकांग्रेस कमेटी के सदस्य इस शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए। मार्च में हिस्सा लेने वालों ने हाथों में मोमबत्तियां, शहीदों की तस्वीरें और “आतंकके खिलाफ एकजुट भारत” जैसे संदेश वाले पोस्टर लिए हुए थे।
राहुल गांधी और प्रियंका गांधी की मौजूदगी
इस कैंडल मार्च में कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा भी शामिल हुए। उन्होंने इस मौके पर शहीदों को श्रद्धांजलि दी और कहा कि “यहहमला न केवल निर्दोष लोगों पर बल्कि भारत की आत्मा पर हमला है।” राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, “जब-जब सुरक्षा मेंचूक होती है, तब-तब सत्ताधारी दल जिम्मेदारी से बचता है। देश यह जानना चाहता है कि आखिर इतनी बड़ी आतंकी साजिश को कैसे अंजाम दियागया।”
सरकार से सवाल: कौन लेगा ज़िम्मेदारी?
कांग्रेस नेताओं ने केंद्र सरकार से यह सवाल उठाया कि अगर खुफिया इनपुट्स पहले से थे, तो सुरक्षा में चूक क्यों हुई? प्रियंका गांधी ने कहा, “हम हरआतंकी हमले के बाद केवल निंदा बयान और श्रद्धांजलि नहीं देखना चाहते, हम ठोस कार्रवाई और जवाबदेही चाहते हैं।”
युवा कांग्रेस का आक्रोश
युवा कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने इस कैंडल मार्च के दौरान “भारत मां के वीरों को सलाम”, “आतंकवाद मुर्दाबाद” और “केंद्र सरकार जवाब दो” जैसे नारेलगाए। कई युवा कार्यकर्ता काली पट्टियाँ बांधकर मार्च में शामिल हुए और सरकार की आतंकवाद से निपटने की नीति पर सवाल उठाए।
दिल्ली पुलिस की कड़ी निगरानी
मार्च को देखते हुए दिल्ली पुलिस ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए थे। पूरे मार्ग पर अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया था ताकि किसी भी अप्रियघटना से बचा जा सके। हालांकि मार्च शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुआ और इसमें किसी तरह की अव्यवस्था नहीं हुई।
राजनीति से ऊपर मानवता का संदेश
कैंडल मार्च केवल एक राजनीतिक प्रदर्शन नहीं था, बल्कि यह आतंक के खिलाफ एकजुटता और शांति का संदेश भी था। कई सामाजिक संगठनोंऔर नागरिकों ने भी कांग्रेस के इस मार्च में भाग लिया। लोगों ने कहा कि चाहे कोई भी पार्टी हो, जब बात देश की सुरक्षा की हो, तो सबको एक साथखड़ा होना चाहिए।
भविष्य की रणनीति और चेतावनी
कांग्रेस नेताओं ने चेतावनी दी कि अगर सरकार ने पहलगाम हमले की निष्पक्ष और सार्वजनिक जांच नहीं कराई, तो पार्टी देशभर में विरोध प्रदर्शनकरेगी। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने कहा, “हम इस मुद्दे को संसद से लेकर सड़क तक उठाएंगे। देश की सुरक्षा से खिलवाड़ किसी भी कीमत परबर्दाश्त नहीं किया जाएगा।”
शहीदों के परिवारों के लिए न्याय की मांग
कैंडल मार्च के दौरान कांग्रेस नेताओं ने शहीदों के परिजनों के लिए न्याय और उचित मुआवजे की भी मांग की। उन्होंने कहा कि केवल आर्थिक मदद सेकाम नहीं चलेगा, हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि इस तरह की घटनाएं दोबारा न हों।