Corona News In India: पिछले एक महीने से दुनियाभर में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामले चिंता बढ़ाते जा रहे हैं. भारत में भी इसका जोखिमदेखा जा रहा है केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के कोविड डैशबोर्ड पर साझा की गई जानकारियों के मुताबिक 22 मई को देश में कुल एक्टिव केस 257 थेजो 10 दिनों के भीतर ही अब बढ़कर 2710 हो गए हैं। एक दिन के भीतर ही 511 नए सक्रिय मामले सामने आए हैं और 7 लोगों की मौत हुई है. केरल में मरीजों की संख्या बढ़कर 1147 हो गई है महाराष्ट्र में सक्रिय मामले 424 जबकि दिल्ली में 294 हैं कोरोना जिस रफ्तार से देश में बढ़ रहा हैवह निश्चित ही लोगों के लिए डर पैदा कर रहा है स्वास्थ्य विशेषज्ञ पहले से ही कहते रहे हैं कि इस बार फैल रहा वैरिएंट अति संक्रामक है, हालांकिइसकी गंभीरता कम है. चिंताजनक बात ये है कि अगर ये संक्रमण किसी आबादी में फैलना शुरू होता है तो वहां लोग तेजी से इसकी चपेट में आसकते हैं ये स्थिति उन लोगों के लिए दिक्कतें बढ़ाने वाली और गंभीर भी हो सकती है जो 65 साल से अधिक उम्र के हैं.
कोरोना के मामले फिर से हो रहे है जानलेवा साबित
कोमोरबिडिटी (एक से अधिक क्रॉनिक बीमारियों का शिकार) हैं या फिर गर्भवती हैं. कोरोना के मामले इस बार जानलेवा भी साबित हो रहे हैं. हालांकिआंकड़ों पर नजर डालें तो पता चलता है कि संक्रमण से मरने वाले ज्यादातर लोग वे हैं जिन्हें पहले से कोई क्रॉनिक बीमारी रही है या फिर जिन लोगोंकी प्रतिरोधक क्षमता कमजोर रही है. जिन राज्यों में मौतें दर्ज की गईं, उनमें महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा दो लोगों की जान गई है. एक मामला 67 वर्षीयव्यक्ति के मौत का है जिसे पहले से एक्यूट रेस्पिरेटरी डिस्ट्रेस सिंड्रोम की शिकायत थी, इसके अलावा वह निमोनिया और मधुमेह से भी पीड़ित था वहींएक और मौत 21 वर्षीय पुरुष की हुई जो डायबिटिक कीटोएसिडोसिस का शिकार था जिसे बाद में श्वसन पथ में संक्रमण भी हो गया था. कोरोना केबढ़ते जोखिमों को देखते हुए स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने सभी लोगों को संक्रमण से बचाव करते रहने की सलाह दी है। भले ही आप युवा हैं और इम्युनिटीसिस्टम ठीक है फिर भी कोरोना से बचाव के लिए निरंतर प्रयास करते रहें.
ओमिक्रॉन व सब-वैरिएंट्स के देखे गए कुछ म्यूटेशन
आखिर ये क्यों जरूरी है. देश में फैल रहे ओमिक्रॉन और इसके सब-वैरिएंट्स में कुछ अतिरिक्त म्यूटेशन देखे गए हैं, जो इसे शरीर में बनी प्रतिरक्षा कोचकमा देकर आसानी से संक्रमित करने के योग्य बनाते हैं. जिन लोगों की प्रतिरोधक क्षमता अच्छी है उनमें इस संक्रमण का असर नहीं हो रहा है, परचिंताजनक बात ये है कि संक्रमित व्यक्ति वायरस का वाहक जरूर हो सकता है, जिससे उन लोगों मे संक्रमण फैलने का खतरा रहता है जो पहले सेबीमार हैं या बुजुर्ग हैं. ऐसे लोगों में गंभीर रोग विकसित हो सकता है इसलिए जरूरी कि सभी लोग संक्रमण से बचने के उपाय करते रहें. आप जाने-अनजाने ऐसे लोगों में वायरस पहुंचा सकते हैं जिनमें गंभीर रोग विकसित होने का जोखिम अधिक रहता है. संक्रमण होस्ट और पैथोजन के तौर परबढ़ते हैं, कोरोनावायरस पैथोजन है और हम होस्ट वायरस हमारी इम्युनिटी के खिलाफ कुछ ऐसे म्यूटेशन करता है जिससे कि ये होस्ट की इम्युनिटी कोचकमा देकर उसे संक्रमित कर पाएं और खुद बढ़ सकें किसी भी वायरस में म्यूटेशन होते रहना सामान्य प्रक्रिया है, इस दौरान कुछ ऐसे म्यूटेशन भी होसकते हैं जो हमारी इम्युनिटी के एक लेवल को फेल कर दें.