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तमिलनाडु सरकार में मंत्री के पोनमुडी की समस्याएं बढ़ती दिख रही हैं। मद्रास हाईकोर्ट ने हाल ही में उनके द्वारा सनातन तिलक की तुलना सेक्सपोजिशन से करने के विवादित बयान पर एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने राज्य पुलिस को आदेश दिया कि पोनमुडी के खिलाफमामला दर्ज किया जाए और रिपोर्ट सरकार को पेश की जाए।

जनहित याचिका और हाईकोर्ट का आदेश
मद्रास हाईकोर्ट में पोनमुडी के बयान को लेकर जनहित याचिका दायर की गई थी। याचिका में पोनमुडी को मंत्रिमंडल से अयोग्य ठहराने की मांग कीगई थी। उच्च न्यायालय ने पोनमुडी की टिप्पणियों को “अत्यंत अपमानजनक” बताते हुए कार्रवाई की आवश्यकता जताई। न्यायाधीश ने कहा कि इसतरह के बयानों के खिलाफ भी वही कार्रवाई होनी चाहिए, जैसी भ्रष्टाचार के मामलों में की जाती है। इसके बाद डीएमके ने पोनमुडी को पार्टी के उपमहासचिव पद से हटा दिया था, और उन्होंने अपने बयान पर माफी भी मांगी थी।

विवाद और विपक्षी दलों की प्रतिक्रिया
यह विवाद तब शुरू हुआ जब पोनमुडी ने एक सार्वजनिक कार्यक्रम में सनातन तिलक को लेकर अपमानजनक टिप्पणी की। उन्होंने तिलक की तुलनाशारीरिक संबंधों से जुड़ी चुटकुले सुनाते हुए की, जिससे कार्यक्रम में मौजूद महिलाएं भी असहज हो गईं। बीजेपी नेताओं ने इसे लेकर मुख्यमंत्रीएम.के. स्टालिन से सवाल किए और पोनमुडी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की। इस पर डीएमके सांसद कनिमोझी ने भी पोनमुडी की टिप्पणीकी आलोचना की और इसे अस्वीकार्य बताया।

राज्यपाल ने भी की थी आलोचना
राज्यपाल आर एन रवि ने पोनमुडी की टिप्पणी की कड़ी आलोचना की। उन्होंने इसे “अत्यधिक अपमानजनक” और “अस्वीकार्य” बताते हुए कहा कियह महिलाओं के प्रति असम्मानपूर्ण भाषा का प्रयोग था। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि पोनमुडी ने सिर्फ महिलाओं का अपमान नहीं किया, बल्कि हिंदू धर्म के शैव और वैष्णव प्रतीकों का भी अपमान किया।

कोर्ट ने पोनमुडी पर एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया
मद्रास हाईकोर्ट ने कहा कि अगर पोनमुडी के खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं की जाती है तो कोर्ट अवमानना का मामला शुरू कर सकती है। जस्टिसएन आनंद वेंकटेश ने राज्य के डीजीपी से इस मामले में जल्द रिपोर्ट पेश करने को कहा।

इस प्रकार, पोनमुडी की टिप्पणी ने तमिलनाडु में राजनीतिक और सामाजिक हलकों में विवाद पैदा कर दिया है, और अब मामले में कानून की प्रक्रियाआगे बढ़ने की संभावना है।

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