भारत के सर्वोच्च न्यायालय को जल्द ही नया नेतृत्व मिलने जा रहा है। जस्टिस भूषण रामकृष्ण गवई देश के 52वें मुख्य न्यायाधीश (Chief Justice of India – CJI) के रूप में 14 मई 2025 को कार्यभार संभालेंगे। मौजूदा मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना ने न्यायपालिका की परंपरा के अनुरूपअपने उत्तराधिकारी के रूप में जस्टिस गवई के नाम की सिफारिश की है।
सीजेआई पद के लिए औपचारिक प्रक्रिया पूरी
मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना ने कानून मंत्रालय से मिले अनुरोध के बाद जस्टिस बी.आर. गवई के नाम की सिफारिश औपचारिक रूप से की, जिसेअब मंजूरी के लिए सरकार को भेजा गया है। सीजेआई खन्ना का कार्यकाल 13 मई 2025 को समाप्त हो रहा है, जिसके तुरंत बाद वरिष्ठता क्रम केअनुसार जस्टिस गवई सर्वोच्च पद पर नियुक्त होंगे।
जस्टिस बी.आर. गवई का न्यायिक सफर
जस्टिस गवई ने अपने न्यायिक करियर की शुरुआत बॉम्बे हाईकोर्ट से की थी, जहां उन्हें 2003 में न्यायाधीश नियुक्त किया गया। उन्होंने कईसंवेदनशील मामलों की सुनवाई करते हुए न्यायिक प्रणाली में अपनी विशेष पहचान बनाई। वर्ष 2019 में उन्हें सुप्रीम कोर्ट का जज नियुक्त कियागया था। वे न्यायपालिका के वरिष्ठतम जजों में से एक हैं और अब उनकी वरिष्ठता के आधार पर उन्हें सीजेआई की जिम्मेदारी सौंपी जा रही है।
दलित समुदाय से दूसरे मुख्य न्यायाधीश
जस्टिस गवई देश के पहले दलित मुख्य न्यायाधीश के रूप में जस्टिस के.जी. बालकृष्णन के बाद दूसरे होंगे। यह ऐतिहासिक उपलब्धि सामाजिकसमरसता और न्याय प्रणाली में विविधता के दृष्टिकोण से एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है