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निर्वाचन आयोग ने राहुल गांधी के लोकसभा चुनाव 2024 के परिणामों को लेकर दिए बयान की पोल खोलते हुए सोशल मीडिया पर एक फैक्ट चेकजारी किया. आयोग ने इस फैक्ट चेक के जरिये राहुल के एक-एक आरोपों को खोखला बताया है. चुनाव आयोग ने कहा कि यह बयान एक सालपहले संपन्न हुए चुनावों पर बेबुनियाद आरोप हैं. कर्नाटक में निर्वाचक नामावली तैयार करने में 31 डीईओ, 419 ईआरओ/एईआरओ, 58,834 बीएलओ के अलावा सभी राजनीतिक दलों के बीएलए ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. निर्वाचक नामावली का मसौदा और अंतिम सूची कांग्रेससमेत सभी दलों के साथ साझा की गई थी. आयोग ने इस बात पर जोर दिया कि अंतिम सूची के खिलाफ एक भी अपील दायर नहीं की गई थी. आयोग ने बताया कि 2024 के लोकसभा चुनाव को सफलतापूर्वक संपन्न कराने के लिए 2,82,648 मतदान अधिकारियों ने सेवाएं दीं.

हजारों अधिकारियों ने दी सूचनाओं
इनके अलावा 28 आरओ, 259 एआरओ, 113 पर्यवेक्षकों और 4,230 मतगणना पर्यवेक्षकों की भागीदारी रही. चुनाव आयोग ने लोकसभा चुनाव2024 को लेकर राहुल गांधी के आरोपों का फैक्ट चेक जारी कर जवाब दिया है. आयोग ने कहा कि कर्नाटक में मतदाता सूची तैयार करने में सभीराजनीतिक दलों की भागीदारी थी और अंतिम सूची पर किसी ने आपत्ति नहीं जताई थी. साथ ही चुनाव की निष्पक्षता और पारदर्शिता सुनिश्चित करनेके लिए हजारों अधिकारियों ने सेवाएं दीं. राज्य CEO ने कहा कि लगभग 9.2 लाख दावा और आपत्तियों का निपटारा पारदर्शी तरीके से हुआ औरकिसी पार्टी ने कोई अपीली कार्रवाई नहीं की. कोई भी पार्टी या उम्मीदवार ने उसमें आपत्ति दर्ज नहीं की या 45‑दिन की समय सीमा में कोई चुनावयाचिका (Election Petition) नहीं दायर की गई.

वैध याचिका या शिकायत नहीं हुई
ECI ने बताया कि आरंभिक (ड्राफ्ट) और अंतिम मतदाता सूची जनवरी 2024 तक सार्वजनिक कर दी गई थी, जिसमें कांग्रेस सहित सभी दलों कोसंसूचित किया गया था. राहुल ने संसद में दावा किया कि उनके पास “atom bomb” यानी “100% सबूत” है कि ECI BJP के पक्ष में नाकामलबिंगरत्न कर रहा है. निर्वाचन आयोग ने स्पष्ट कर दिया है कि राहुल गांधी के आरोप कानूनी प्रक्रिया के तहत नहीं लाए गए और कोई वैध याचिकाया शिकायत नहीं हुई. आयोग ने कई बार कहा है कि ऐसे आरोप लोकतंत्रीय संस्थाओं का अपमान हैं और इससे लाखों चुनाव अधिकारियों और दलोंकी मेहनत को ठेस पहुँची है.

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