केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में मंगलवार को किसानों और बुनियादी ढांचे से जुड़े पांच महत्वपूर्ण फैसलों को मंजूरी दी गई। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णवने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि खरीफ विपणन वर्ष 2025-26 के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) को स्वीकृति दी गई है, जिसकी अनुमानितलागत 2.07 लाख करोड़ रुपये होगी। यह मूल्य निर्धारण कृषि लागत एवं मूल्य आयोग (CACP) की सिफारिशों के आधार पर किया गया है, ताकिकिसानों को उनकी उत्पादन लागत पर कम से कम 50 प्रतिशत का लाभ मिल सके। इसके साथ ही अंतरराष्ट्रीय बाजार की कीमतों, फसलों के बीचसंतुलन और कृषि एवं गैर-कृषि क्षेत्र के बीच व्यापार संतुलन जैसे पहलुओं को भी ध्यान में रखा गया है।
इसके अतिरिक्त, किसानों को सस्ती दरों पर ऋण उपलब्ध कराने के उद्देश्य से ब्याज सहायता योजना को भी स्वीकृति दी गई है। इस योजना पर15,642 करोड़ रुपये खर्च होंगे और इसके तहत किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) के माध्यम से किसानों को खेती, बागवानी, पशुपालन और मत्स्य पालनजैसे कार्यों के लिए रियायती ब्याज दर पर ऋण मिलेगा। किसानों को 3 लाख रुपये तक का लोन 7% वार्षिक ब्याज पर मिलेगा, जिसमें समय परभुगतान करने पर 3% अतिरिक्त छूट दी जाएगी, जिससे प्रभावी ब्याज दर केवल 4% रह जाएगी। इसके अलावा, 2 लाख रुपये तक के लोन पर कोईगारंटी नहीं ली जाएगी। देशभर के 449 बैंकों को एक एकीकृत पोर्टल से जोड़ा गया है, जिससे ऋण वितरण और भी आसान हो गया है।
इंफ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र में भी कैबिनेट ने तीन बड़े प्रोजेक्ट्स को मंजूरी दी है। इनमें आंध्र प्रदेश के बदवेल से नेल्लोर तक 108 किलोमीटर लंबे चार-लेनहाईवे के निर्माण को 3,653 करोड़ रुपये की लागत से BOT (Build-Operate-Transfer) टोल मोड पर मंजूरी दी गई है। यह मार्ग कृष्णपट्टनमपोर्ट से सीधे संपर्क देगा और विशाखापत्तनम-चेन्नई, हैदराबाद-बेंगलुरु और चेन्नई-बेंगलुरु जैसे औद्योगिक कॉरिडोर से जुड़कर आंध्र प्रदेश के कईआर्थिक केंद्रों को लाभ पहुंचाएगा। वहीं, महाराष्ट्र में 135 किलोमीटर लंबी वर्धा-बल्लारशाह रेलवे लाइन और मध्य प्रदेश में 41 किलोमीटर लंबीरतलाम-नागदा रेललाइन को चौड़ा करने की योजनाओं को भी स्वीकृति दी गई है। इन परियोजनाओं से यातायात क्षमता बढ़ेगी और क्षेत्रीय संपर्क मेंसुधार होगा।
कुल मिलाकर, ये फैसले किसानों की आय बढ़ाने, कृषि वित्तीय सहायता को मजबूत करने और देश के इंफ्रास्ट्रक्चर नेटवर्क को आधुनिक बनाने कीदिशा में सरकार के ठोस प्रयासों को दर्शाते हैं।