
भारत की आतंकवाद के खिलाफ सख्त नीति को मिली वैश्विक मान्यता
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ ने यह स्पष्ट कर दिया है कि भारत आतंकवाद के खिलाफ कोई समझौता नहीं करता।उन्होंने यह टिप्पणी श्री नारायण गुरु और महात्मा गांधी के बीच ऐतिहासिक संवाद की 100वीं वर्षगांठ पर आयोजित समारोह में की। प्रधानमंत्री नेदेश का नाम लिए बिना कहा कि हालिया सैन्य कार्रवाई में भारत में बने हथियारों ने निर्णायक भूमिका निभाई और दुश्मन पर भारी पड़े।
आतंकियों के लिए कोई ठिकाना सुरक्षित नहीं
प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार का यह स्पष्ट संदेश है कि भारतियों का खून बहाने वाले आतंकवादियों को कहीं भी पनाह नहीं मिलेगी। उन्होंनेकहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत भारतीय सेना ने 22 मिनट में आतंकी ठिकानों को ध्वस्त कर, यह दिखा दिया कि भारत अब रक्षात्मक नहीं, बल्किनिर्णायक कार्रवाई में विश्वास रखता है।
रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में बड़ी प्रगति
मोदी ने बताया कि भारत अब अपनी रक्षा जरूरतों को पूरा करने के लिए दूसरे देशों पर निर्भर नहीं रहना चाहता। उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारतअभियान के तहत रक्षा क्षेत्र में भी निर्माण क्षमताएं बढ़ रही हैं और भविष्य में भारत में बने हथियार वैश्विक स्तर पर भी सराहे जाएंगे।
11 वर्षों में सामाजिक और आर्थिक बुनियाद को किया मजबूत
प्रधानमंत्री ने कहा कि बीते 11 वर्षों में उनकी सरकार ने सामाजिक, आर्थिक और रक्षा ढांचे को मजबूत करने के लिए अनेक कदम उठाए हैं। उन्होंनेबताया कि सरकार की कल्याणकारी योजनाओं—जैसे आवास, स्वच्छ पेयजल, और स्वास्थ्य बीमा—ने समाज के कमजोर और वंचित वर्गों को सशक्तकिया है।
IIT, IIM और एम्स जैसे संस्थानों का हुआ विस्तार
मोदी ने कहा कि उनकी सरकार ने उच्च शिक्षा को भी प्राथमिकता दी है। पिछले एक दशक में देश में पहले की तुलना में कहीं अधिक संख्या में IIT, IIM और AIIMS जैसे प्रमुख शैक्षणिक और स्वास्थ्य संस्थान स्थापित किए गए हैं, जिससे युवाओं को बेहतर अवसर मिल रहे हैं।
श्री नारायण गुरु के आदर्शों की प्रेरणा
प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि उनकी सरकार ने समाज सुधारक श्री नारायण गुरु के दृष्टिकोण को अपनाते हुए एक ऐसा भारत बनाने का प्रयास कियाहै, जो हर प्रकार के भेदभाव से मुक्त हो और सबके लिए समान अवसर सुनिश्चित करे।