बिहार में इस साल के अंत में चुनाव होने हैं सभी पार्टियां चुनाव की तैयारियों में जुट चुकी हैं. इस चुनावी साल में अमर उजाला बिहार और बिहार कीराजनीति, उससे जुड़ी घटनाओं और चेहरों के बारे में अलग-अलग सीरीज के जरिए बता रहा है. इसी से जुड़ी ‘सीट का समीकरण’ सीरीज की पांचवींकड़ी में आज हम आपको झंझारपुर विधानसभा सीट के बारे में बताएंगे. इस सीट पर सबसे बड़ा चेहरा पूर्व सीएम जगन्नाथ मिश्र हैं. उनके बेटे नीतीशमिश्र झंझारपुर के मौजूदा विधायक और नीतीश कुमार सरकार में मंत्री हैं.ये पहला चुनाव था बज कांग्रेस को झंझारपुर सीट पर हार का सामना करनापड़ा. इस बार जीत हासिल हुई संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी के रामफल चौधरी को। राम फल चौधरी ने भारतीय जन संघ के राजेंद्र झा को 8665 वोट सेहरा दिया था.1972 में एक बार फिर से कांग्रेस ने इस सीट पर अपना परचम लहराया. इस बार जगन्नाथ मिश्र ने यहां से जीत दर्ज की मजेदार बात यहहै कि जगन्नाथ मिश्र एक समय मुजफ्फरपुर में स्थित बिहार यूनिवर्सिटी में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर रहे थे.
बचपन से ही थी राजनीति में रुचि- जगन्नाथ मिश्र
हालांकि नियति का चक्र ऐसा घूमा कि उनके बड़े भाई और तब कांग्रेस के कद्दावर नेता ललित नारायण मिश्र ने उन्हें राजनीति में उतार दिया. एलएनमिश्र कितने बड़े राजनीतिज्ञ थे इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि अपने छोटे भाई जगन्नाथ को मुख्यमंत्री बनाने में उनकी सबसे बड़ीभूमिका थी. खुद जगन्नाथ मिश्र भी बचपन से ही राजनीति में रुचि रखते थे. सो उन्होंने प्रोफेसर की नौकरी छोड़ी और उतर गए राजनीति में जगन्नाथमिश्र के तीन बार बिहार के सीएम के तौर पर राज्य की कमान संभालने की शुरुआत यहीं से हुई. हालांकि मिश्र एक बार भी मुख्यमंत्री के तौर पर पांचसाल का कार्यकाल पूरा नहीं कर सके 1972 से 1995 तक जगन्नाथ मिश्र झंझारपुर के विधायक रहे.झंझारपुर से जगन्नाथ मिश्र ने कुल पांच बारचुनाव जीता था 1972 में जगन्नाथ मिश्रा ने मौजूदा विधायक सोशलिस्ट पार्टी के राम फल चौधरी को 36,542 वोट से हरा दिया था.
1090 में जगन्नाथ मिश्र ने ही दर्ज की थी जीत
दरअसल इसके बाद 1977, 1980, 1985, 1990 में भी इस सीट से जगन्नाथ मिश्र ने ही जीत दर्ज की. 1994 में कांग्रेस के टिकट पर जगन्नाथमिश्र को राज्यसभा भेज दिया गया. इसके बाद उन्होंने इस सीट पर चुनाव नहीं लड़ा. 1995 में जनता दल को सीट पर जीत मिली जनता दल केरामअवतार चौधरी ने कांग्रेस के देव चंद्र झा को 23,029 वोट से हरा दिया.2000 में हुए चुनाव में राजद के जगदीश नारायण चौधरी ने भारतीय जनकांग्रेस (राष्ट्रीय) और पूर्व सीएम जगन्नाथ मिश्र के बेटे नीतीश मिश्र को 10,049 से हरा दिया था. जगन्नाथ मिश्रा के बाद इस सीट से कांग्रेस को कभीभी झंझारपुर सीट से जीत नहीं मिल पाई. हालांकि उनके बेटे नीतीश मिश्र दो बार जनता दल यूनाइटेड और फिर भारतीय जनता पार्टी के टिकट परयहां सेज जीत दर्ज कर रहे हैं. 2005 में पहली बार नीतीश मिश्र को इस सीट पर जीत मिली.