
अखिलेश प्रसाद सिंह ने कहा – मित्रों, जैसा आपने यहां देखा… इसी इशू पर आज हम आपसे बातचीत के लिए आए हैं। लोक आस्था का सबसे बड़ापर्व, खासकर के बिहारियों के लिए और पूरे देश में फैले हुए बिहारियों के लिए है। पहले बड़ा अच्छा लगा कि प्रधानमंत्री जी ने, रेल मंत्री जी नेघोषणा की कि 12,000 ट्रेनें चलाई जाएंगी और लोगों को अच्छे तरीके से बिहार भेजने की व्यवस्था की जाएगी। लेकिन जैसा आपने वीडियो में भीदेखा केवल 1,500 ट्रेनें चली हैं। 1,500 ट्रेन चलने का मतलब है कि केवल 19 लाख, 20 हजार यात्री और वायदा किया गया था कि 1 करोड़ 53 लाख 60 हजार यात्रियों को पहुंचाने की व्यवस्था होगी, जैसा कि 12,000 ट्रेनों में लोग जा सकते थे… यह नहीं था। लेकिन इस तरह का झूठ औरमिथ्या प्रचार करके चुनाव के समय में लोगों को दिग्भ्रमित करने की कोशिश और हमने, आपने, सभी ने देखा कि किस तरह से लोग टॉयलेट में बैठकर, सोकर और वहां पहुंचने की कोशिश बिहारी भाई -बहन कर रहे थे।
चीनी मिल को चालू करने की बात होती
तो आस्था पर भी खिलवाड़ किया जा रहा है, आस्था पर भी विश्वासघात हो रहा है, केवल और केवल वोट के लिए। जैसे पहले कभी बंद चीनी मिलकी चिमनी से धुंआ निकालने की बात होती थी। बंद चीनी मिल को चालू करने की बात होती थी। जिस तरह से दो करोड़ लोगों को रोजगार देने कीबात होती थी। जिस तरह से 15 लाख रुपए हर आदमी के खाते में देने की बात होती थी। जिस तरह से 2022 में किसानों की आमदनी को दोगुनाकरने की बात होती थी। यह लगातार छलावा बिहार और बिहारियों के साथ पिछले 11 साल से और वहां जो नीतीश जी के साथ सरकार है 17-18 साल से… एक-दो साल, तीन साल इधर-उधर जो उनका पलटी मार के, उसको हटा भी दीजिए… तो मोटा-मोटी 17 साल भारतीय जनता पार्टी केसाथ सरकार नीतीश जी चलाए हैं, जिसमें लगातार बिहार पिछड़ता जा रहा है। चाहे वह शिक्षा की बात हो, चाहे वह स्वास्थ्य की बात हो, चाहे वहइंडस्ट्रियलाइजेशन, औद्योगीकरण की बात हो, सबमें आप… नीति आयोग की रिपोर्ट पर पहले भी मैं चर्चा किया हूं कि अंतिम पायदान पर बिहारआज खड़ा है। तो बाकी बातें तो ठीक हैं… शिक्षा-स्वास्थ्य खराब हो, लेकिन कम से कम छठ मैया के साथ और लोक आस्था के साथ खिलवाड़ नहींकरना चाहिए था। आज जो छठ घाटों की स्थिति है, उससे भी सब हम लोग वाकिफ हैं। वहां भी बदइंतजामी का माहौल है। चाहे वह दिल्ली हो, चाहेमुंबई हो, चाहे पटना हो या पूरे बिहार की स्थिति भयावह है और लोग उसी में छठ पूजा करने जाते हैं। यही बात शेयर करने के लिए आज हम सब यहांइकट्ठा हुए थे। मैं आप सभी के माध्यम से छठ पर्व पर आपको भी शुभकामनाएं और बधाइयां देता हूं और देश भर में रह रहे बिहारियों को भी छठ पर्वकी शुभकामनाएं और बधाइयां देते हुए अपनी बात यहीं समाप्त करता हूं।
यात्रियों को बेपनाह यातना रेलवे में दी
अभय दुबे ने कहा- पत्रकार साथियों, ये वेदनाएं जो अखिलेश प्रसाद जी ने आपके सामने व्यक्त की हैं, समूचा बिहार त्राहीमाम कर रहा है। भारतीयजनता पार्टी की सरकार ने यात्रियों को बेपनाह यातना रेलवे में दी है। हमारे इस महापर्व पर, हमारी धार्मिक भावनाओं के साथ आघात किया गया है।यात्रियों के साथ, बिहारवासियों के साथ कुठाराघात भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने किया है। याद कीजिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, भारतीय जनतापार्टी के अध्यक्ष जेपी नड्डा, अमित शाह जी ये कहते नहीं थकते थे कि 12 हजार ट्रेनें हमने चलाई हैं। अगर सचमुच 12 हजार ट्रेनें आपने चलाई होतीं, तो 22 अक्टूबर को भारतीय रेलवे ने प्रेस नोट जारी किया, उसमें कहा कि 1,500 स्पेशल ट्रेन हम चला रहे हैं और बीते अगले 5 दिनों में 300 ट्रेनप्रतिदिन छठ पर्व के लिए चलाएंगे। इसका अर्थ क्या हुआ- इसका अर्थ हुआ कि अगर एवरेज 16 डिब्बे एक ट्रेन में होते हैं, तो यात्रियों की संख्या 19-20 लाख मात्र होती है और ईसीआर ने 2024 में जो स्टेटमेंट जारी किया रेलवे के, मतलब इस्टर्न सेन्ट्रल रेलवे जो बिहार का एक महत्वपूर्ण जोन है, जहां से यात्री बिहार के लिए दूसरे प्रांतों से आते हैं, उसने कहा कि 2024 में जो छठ पूजा करके यात्री यहां से हमने हैंडल किए हैं, वापस दूसरे प्रांतों मेंभेजे, वो 40 लाख थे।
भारतीय रेलवे ने बताया
अगर एक जोन ये कहता है, तो फिर पूर्व मध्य रेलवे (हाजीपुर) वाला जिसका मैंने जिक्र किया- 40 लाख… पूर्वोत्तर रेलवे- ये जोन बिहार को उत्तरप्रदेश, नेपाल और कई क्षेत्रों से जोड़ता है। पूर्वी रेलवे (कोलकाता)- ये जोन पश्चिम बंगाल से बिहार तक ट्रेन चलती है, खासकर आसनसोल, हावडाजैसे प्रमुख स्टेशनों से… उत्तर रेलवे (दिल्ली) का ये जोन, दिल्ली के आसपास के राज्यों (हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, उत्तर प्रदेश) और दक्षिण भारतके लिए अन्य जोन, तो फिर इन जोनों का आंकड़ा क्या होगा, जो भारतीय रेलवे ने बताया है कि हमने 1,500 स्पेशल ट्रेनें चलाई हैं। अब प्रश्न येउठता है कि मां अपने छोटे-छोटे मासूम बच्चों को लेकर रेलवे स्टेशन पर दौड़ रही है और वो कह रहे हैं कि पहले पलायन के लिए नीतीश-मोदी सरकारने बिहार से मजबूर किया। ई-श्रम पोर्टल पर 3 करोड़, 18 लाख मजदूरों का रजिस्ट्रेशन है और उन्होंने शपथ पत्र दिया है कि हमारी औसत आमदनी पूरेपरिवार की 10 हजार रुपए से कम है। बिहार के 9 करोड़ लोग 67 रुपए प्रति दिन पर जिंदा है। जैसे अखिलेश जी ने कहा कि प्रत्येक परिवार से एकव्यक्ति पलायन के लिए मजबूर है। तो उनकी आर्थिक स्थितियां ये नहीं हैं, प्रधानमंत्री जी! आप हजारों करोड़ रुपए के एश्वर्य के आडम्बर करते हैं औरहैलिकॉप्टर से… चॉपर आप देखिए। आज मैं पटना एयरपोर्ट से आ रहा था तो 12-12, 15-15 चॉपर खड़े हुए हैं। सारे भाजपा के प्रदेशों केमुख्यमंत्री, बड़े नेता चॉपर में घूम रहे हैं औऱ हमारे बिहारवासी ये वेदना और पीड़ा भोगने को मजबूर हैं। एक साफ बात है कि बिहार के साथ भारतीयजनता पार्टी की सरकार ने इतना बड़ा कुठाराघात किया है। जैसा अखिलेश जी ने बताया। आप सिलसिलेवार याद कीजिए, पहली यात्रा से प्रधानमंत्रीकी बिहार की। जब भी वो झूठ बोलते हैं, तो आवाज भारी कर लेते हैं और अगले झूठ की तैयारी कर लेते हैं। सवा लाख करोड़ रुपए का पैकेज, सवारुपया बिहार को नहीं मिला।
पैसे के गबन की आशंका
अभी चीनी मिल का, मोतिहारी का जिक्र अखिलेश जी ने किया कि मैं तभी बिहार आऊँगा, जब यहां की चाय पी लूंगा। दरभंगा के एम्स की बातउन्होंने की। कोई वादा पूरा नहीं होता। भीषणतम भ्रष्टाचार बिहार में है। 27-27 पुल भ्रष्टाचार की वजह से वहां बह गए हैं। 70 हजार करोड़ रुपए काघोटाला हुआ है। आजाद भारत के इतिहास में पहली बार हुआ कि कैग ने अपने फुटनोट में लिख दिया कि हमें इस पैसे के गबन की आशंका है।
युवाओं का भविष्य लूटा जा रहा है, भर्ती और प्रवेश परीक्षा के घोटालों से। 10-10 घोटालों की जांच बीते 10 सालों से चल रही है, कोई निष्कर्षउसका नहीं निकलता। उसका परिणाम है कि वहां आमदनी के, रोजगार के अवसर नहीं दिए आपने। वहां प्रवेश और भर्ती परीक्षा घोटाले किए तोपलायन के लिए मजबूर किया। अब जब वो इन वेदनाओं को भोग रहे हैं, तो कम से कम हमारी धार्मिक आस्थाओं को खंड-खंड तो मत कीजिएप्रधानमंत्री जी। कम से कम हमारी धार्मिक आस्थाओं का इतना तो मान रखिए कि… क्या अपेक्षा थी उनकी। वो पैसे भी खुद दे रहे थे, वो ऐसा नहींथा कि आपकी कृपा पर निर्भर थे। कम से कम ये साधन आप द्वारा मुहैया कराए जाने थे। इस अक्षम्य अपराध के लिए बिहार आपको माफ नहींकरेगा। वोट की चोट से आपको इस बात का आभास कराएगा कि अगर आपने हमारे आस्था के महापर्व पर आघात किया है, तो हम आपकी सत्ता, आपकी सरकार बरकरार नहीं रहने देंगे।